Math, asked by anilkumarchaurasia96, 4 hours ago


if \:  {m}^{2}  =  - 1 \: than \: what \: is \: the \: value \: of \: m \:  \:  \: is \: m \:  \:a \: ratina \: number \: why

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Answered by AryanKrishna980
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Answer:

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लोकालोक

धर्म की संस्थापना के लिये श्रीविष्णु हर महायुग में दश अवतार लेते हैं,जिनमें अन्तिम तो महायुग के अन्त में आते हैं जिनके लिये कालखण्ड बचता ही नहीं,अतः नौ अवतार ही महायुग को बराबर भागों में बाँटते हैं,४ भाग सतयुग में,३ त्रेता,२ द्वापर और १ कलियुग । दस खण्डों में से प्रत्येक खण्ड के आरम्भ में एक अवतार आते हैं,केवल कलियुग वाले कल्कि अवतार अन्त में आते हैं ।

ये नौ अवतार नवग्रहों के अवतरण हैं जो जीवों को कर्मफल देने के लिये परमात्मा के अवतार हैं । अवतार तो हर कल्प में एक सहस्र बार आते हैं किन्तु नवग्रह अविनाशी हैं । वे तीन प्रकार के हैं — मण्डल,तारा और छाया । मण्डलग्रह होने के कारण सूर्य और चन्द्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं,पञ्चाङ्ग के पाँचों अङ्ग वे ही बनाते हैं जो धार्मिक कर्म हेतु सर्वाधिक महत्व रखते हैं ।

जीवों को कर्मफल देने वाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण दशाप्रणाली “विंशोत्तरी” की गणना चन्द्र से और क्रम सूर्य से आरम्भ होकर शेष सातों ग्रहों के कालमानों को वे आपस में बराबर−बराबर बाँट लेते हैं — सारे बाहरी ग्रह राहु को साथ लेकर ६० वर्ष लेते हैं तो सूर्य सहित सारे भीतरी ग्रह केतु को लेकर ६० वर्ष लेते हैं । उसी प्रकार ग्रहकक्षाक्रम का वारक्रम और अवतारक्रम से भी सम्बन्ध है ।

[tex]\huge \mathfrak \fcolorbox{purple}{lavender}{ANSWER☘}[/tex]

Answered by abcdef03011999
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Answer:

i

Step-by-step explanation:

when m²=-1

then

m =  \sqrt{ - 1}

and this is an imaginary number as there does not exist any real number whose square is -1 . so in mathematics it is termed as complex number, and is denoted by i

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