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_____ राधाकृष्ण _____
गोलोक में राधा जी की उत्पत्ति
श्रीकृष्ण से राधा की उत्पत्ति की कहानी एक बहुत ही प्रचलित कथा है हालांकि बहुत कम लोगों ने सुनी होगी । कहा जाता है कि एक बार गोलोक में श्री कृष्ण के भक्तों ने उनका बहुत अच्छा श्रृंगार किया और फिर भगवान श्री कृष्ण की इतनी तारीफ कर दी कि सभी इच्छाओं से परे भगवान श्री कृष्ण को यह इच्छा हो गई कि क्यों ना मैं भी अपना यह श्रृंगारित रूप देखूं, तो जैसे ही उन्होंने यह इच्छा की उनके बाएं (Left) ओर एक स्वरूप प्रकट हो गया जिन्हें लोग राधा जी कहते हैं, जी हां राधा जी स्वयं कृष्ण हैं और कृष्ण स्वयं राधा हैं ।
श्रीदामा का राधा जी को श्राप
श्रीदामा श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे उन्हें राधारानी श्री कृष्ण की प्रेमिका स्वरूप बिल्कुल नहीं भाँती थी । एक बार किसी बात पर रुष्ट होकर उन्होंने राधा जी को श्री कृष्ण से 100 वर्षो तक दूर पृथ्वीलोक (मृत्यु लोक) पर रहने का श्राप दे डाला । जिसके कारणवर्ष उन्हें श्री कृष्ण से दूर होना पड़ा । पृथ्वीलोक पर जाने से पहले राधा जी ने श्री कृष्ण से वचन लिया कि जब तक वह उन्हें पृथ्वीलोक पर देखेंगी नही तब तक वह अपनी आंखें नहीं खोलेंगी यही कारण है कि राधा जी श्री कृष्ण से उम्र में 5 वर्ष बड़ी थी ।
पृथ्वीलोक पर राधा-कृष्ण का आगमन
राधा जी प्रेम की देवी मानी गई है । उनका जन्म ब्रजभूमि के बरसाना नामक गांव के मुखिया वृषभानु के यहां उनकी पत्नी कीर्तिदा के गर्भ से हुआ था । तो वही देवकी और वसुदेव (Biological Parents) ने कृष्ण को जन्म दिया जिनका लालन-पालन गोकुल के नंद और यशोदा (Foster Parents) ने किया ।
राधा-कृष्ण
कृष्ण राधा जी के कण-कण में बसते थे किंतु उनके नसीब में नहीं थे । पुराणों में ऐसा कहा गया है कि राधा-कृष्ण दो देह और एक आत्मा थे । उनकी भावनाएं, ह्रदय और आत्मा एक दूसरे से जुड़ी हुई थी अर्थात उनका प्रेम आत्मिक था (आत्मा से) ना की शारीरिक । सरल शब्दों में कहें तो उन्होंने आत्मा से एक दूसरे से प्रेम किया था । वे दोनों गोलोक से धरती पर प्रेम का पाठ पढ़ाने आए थे । आप ही बताइए जब राधा कृष्ण एक ही थे तो वह विवाह कैसे कर सकते थे क्योंकि विवाह की रीती के लिए दो मनुष्यों का होना जरूरी है, और अगर हम प्रेम को समझें तो यह भी साबित होगा कि प्रेम केवल विवाह के बंधन तक ही सीमित नहीं है जिसका पाठ हमें श्री राधा-कृष्ण ने स्वयं उदाहरण देकर स्पष्ट किया था । प्रेम तो मोक्ष का द्वार है । अब आप ही बताइए कि विवाह नाम का बंधन इसे कैसे बांध सकता है ।
विवाह
कई लोगो की मान्यता है कि यदि कृष्ण जी विष्णु थे तो राधा जी लक्ष्मी किंतु ऐसा नहीं है कृष्ण जी विष्णु का अवतार तो थे किंतु राधा जी लक्ष्मी का अंश नहीं थी । लक्ष्मी का अंश तो रुकमणी जी थी जिनका विवाह श्री कृष्ण के साथ हुआ था और राधारानी का विवाह अयन नामक ग्वाले के साथ हुआ था ।
This question has been on my mind ever since my childhood. Most of us have watched the famous daily soap that starred a cute kid in Lord Krishna's avatar. The show completely justified the happenings that took place in Kanha's life, but unlike me have you also wondered about the fact that why did he end up marrying Rukmini instead of Radha?
The unconditional love that both of them had for each other is something that we are never going to find in any generation. But why is that they never lived together or had a family?
Lord Krishna is believed to have approximately 16,000 wives, why isn't Radha one of them?
There are a lot of scriptures that claim the answer to these questions and different versions have different answers for the readers. We have got it all compiled for you here.
But, before we get the answers to all our questions, let's have some background check about the subject of the story.
Well, to all the newbies, I mean the next gen kids, he is a Hindu God of compassion, tenderness, and love and is also believed to be the eighth avatar of Lord Vishnu.
Radha aka Radharani is believed to be the lover and the most represented companion of Lord Krishna. But, even after getting a lot of mention she never ended up with Krishna.