Hindi, asked by vikashshk2, 16 days ago

था आर देश में हाहाकार मचा
था। उच्च स्वर में स्वतन्त्रता का उद्घोष गूंज रहा था। ऐसे समय में कवि ने
गोरों एवं युवकों को शक्ति संचय कर भारत को स्वतन्त्र कराने तथा पीड़ित-मूच्छित
नीय जनता के उत्थान के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया है।
चल-चल-चल।
उच्च गगन में बजता माँदल
नीचे धरती टलमल टल
अरुण प्रातः के तरुणों का दल।
चल रे, चल रे, चल रे, चल।
चल-चल-चल।
ऊषा द्वार पर कर आघात
लाएँगे रंगीन प्रभात
भेद अँधेरी भीषण रात
बाधाओं का विन्ध्याचल।
चल-चल-चल।।
नव-जीवन का गाकर गान
निष्प्राणों को कर सप्राण
नूतन प्राण करेंगे दान
बाँहों में भर कर नव बल।
चल-चल-चल।।
-काज़ी नज़रूल इस्लाम​

Answers

Answered by dibyamsingh201081
0

Answer:

tstdryfugjhihigfrterzgxhfhdyarshfjgifystethfugjgjffufigigififuddy

Explanation:

fggggggggggggggg

Similar questions