दो अनोपचारिक पत्र लिखिए
Answers
1.चाचा को जन्मदिन के उपहार का धन्यवाद करने के लिए पत्र लिखें :-
B-6, D-1,
बड़ी सड़क, संजरपुर,
आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश – 228788
चरणस्पर्श चाचा जी,
मैं यहां पर कुशल मंगल हूँ, और आशा करता हूँ कि आप भी वहां कुशल होंगे| आदरणीय चाचा जी पिछले सप्ताह मेरा जन्मदिन था और मुझे वह पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने न आने का कारण बताया था, मैं उस बात को लेकर बहुत ही ज्यादा नाराज हूँ| मैं आपके आने की उम्मीद लगाकर बैठा था और आपने न आकर सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया| आपने उस पत्र के साथ मेरे जन्मदिन का उपहार भी भेजा था, हालांकि कोई भी उपहार आपकी मौजूदगी से ज्यादा शायद ही मुझे खुशी देता, लेकिन यह उपहार पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश और संतुष्ट महसूस कर रहा हूं| चाचाजी आप यह जानते हैं कि मैं समय का कितना अधिक पाबन्द हूँ और इसलिए आपने यह घड़ी मुझे भेंट स्वरूप देकर, मेरे इरादों को और भी ज्यादा मजबूत किया है| आपकी यह घड़ी मुझे अनुशासन और समय के महत्व के बारे में सदैव बताती रहेगी| मैं यह घड़ी पाकर बहुत ज्यादा खुश हूं और यह प्रार्थना करता हूं कि मेरे अगले जन्मदिन पर आप भी मौजूद रहें| चाची जी को चरण स्पर्श| नेहा और अभय को मेरा स्नेह|
आपका आज्ञाकारी
अनिरुद्ध |
2.अपने पिता को फीस शुल्क मांगने के लिए पत्र लिखें
86/4, गली नंबर 10,
हरफूल विहार, बापरोला विहार,
नजफगढ़, नई दिल्ली – 110043,
आदरणीय पिताजी,
चरणस्पर्श| मैं यहां पर कुशल मंगल हूँ और यह आशा करता हूँ आप, माताजी और छोटा भाई प्रतीक भी वहां पर ठीक होगा| पिताजी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में मुझे पढ़ते हुए लगातार एक वर्ष हो चुका है और मैं यहां पर काफी कुछ लगातार सीख रहा हूँ| पिताजी यहां पर ऐसा लगता है, जैसे मैं अपने घर में ही हूँ| यूनिवर्सिटी का माहौल काफी ज्यादा अच्छा है और मेधावी छात्रों के कारण यह यूनिवर्सिटी बहुत ही ज्यादा अव्वल लगती है| पिताजी मैं यह बताना चाहता हूं कि बीते दिनों द्वितीय वर्ष का शुल्क जमा करने की तिथि आ चुकी है और आपसे यह निवेदन करता हूं कि कृपया फीस शुल्क शीघ्र अतिशीघ्र भेज दें, ताकि मैं उसे यहां जमा करा सकूं| माताजी को मेरा चरणस्पर्श, छोटे भाई को मेरा स्नेह दीजिएगा|
आपका अनन्य पुत्र
अनंत|