दो बैलों की कथा के आधार पर जीवन मूल्यों को स्पष्ट कीजिए please
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do bellon ki katha ke aadhar par jeevan moolyaein hain ki koi aapke saath kitna bhi atyachaar kare, humein kabhi bhi chupp nahi baithna chahiye aur har shoshan tatha atyachaar ke khilaf aavaaz utthaani chahiye. humein kabhi bhi apne sheesh kisi bhi shoshanpoorvak aur atyachaari purush ke saamne nahi jhukaane chahiye kyounki ek sacchi baat yeh hai ki humein aazaadi bheekein maangne se nahi balki lagaataar shoshano aur atyachaaro ke khilaf aavaaz utthane se milti hai.
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दों बैलो की कथा एक शिक्षाप्रद कहानी है । इसमें मुख्य नायक हीरा और मोती नाम के दों बैल है । इस कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद है । ये दोनों बैल सीधे सादे लोगों का प्रतिक है ।
दोनों को बहुत सारी आपदाओं का सामना करना पड़ता है ।
पर फिर भी दोनों एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते। दोनों अपनी आजादी के लिए संघर्ष करते है । कई सारे नैतिक मूल्यों का भी ध्यान रखते है । और अंत में दोनों अपने घर लौट आते है । इससे हमे शिक्षा मिलती है की कभी भी हार नहीं माननी चाहिए । हमेशा संघर्ष करो ।
दोनों को बहुत सारी आपदाओं का सामना करना पड़ता है ।
पर फिर भी दोनों एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते। दोनों अपनी आजादी के लिए संघर्ष करते है । कई सारे नैतिक मूल्यों का भी ध्यान रखते है । और अंत में दोनों अपने घर लौट आते है । इससे हमे शिक्षा मिलती है की कभी भी हार नहीं माननी चाहिए । हमेशा संघर्ष करो ।
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