ठ-बोध
मौखिक प्रश्न
(क) कवि किस हवा का वर्णन कर रहे हैं?
(ख) 'वर्षा-धुले आकाश से' का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(ग) कवि ने बरसात की हवा को 'मंद-मुसकाती' क्यों कहा है?
(घ) झकझोरती लहराती हुई कौन आती है?
(ङ) यह हवा किस प्रकार आनंद बिखेरती है?
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
सही विकल्प पर का चिह्न लगाइए-
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Answer:
सतरंगिनी, सतरंगिनी !
काले घनों के बीच में,
काले क्षणों के बीच में
उठने गगन में, लो, लगी
यह रंग-बिरंग विहँगिनी!
सतरंगिनी, सतरंगिनी!
जग में बता वह कौन है,
कहता कि जो तू मौन है,
देखी नहीं मैंने कभी
तुझसे बड़ी मधु भाषिणी!
सतरंगिनी, सतरंगिनी!
जैसा मनोहर वेश है
वैसा मधुर सन्देश है,
दीपित दिशाएँ कर रहीं
तेरी हँसी मृदु हासिनी!
सतरंगिनी, सतरंगिनी!
भू के हृदय की हलचली,
नभ के हृदय की खलबली
ले सप्त रागों में चली
यह सप्त रंग तरंगिनी!
सतरंगिनी, सतरंगिनी!
अति क्रुद्ध मेघों की कड़क,
अति क्षुब्ध विद्युत् की तड़क
पर पा गई सहसा विजय
तेरी रंगीली रागिनी !
सतरंगिनी, सतरंगिनी!
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Explanation:
abhi abhi satrangini Bhasha ka varnan kar raha hai
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