दिए गए अनुछेद को पढ़कर उसमें सेबाक्तिवाचक जातिवाचक तथा भाववाचक सजाएं उनकद
एक बार बादशाह अकबर के पास चतुरसेन नाम का एक मूर्तिकार तीन जूतियां लेकर जाया
उसनेजादशाह से कहा कि आपके दरबारियों में जो यह बता देगा कि कौन-मोमूत अधिक मूल्यमान
उसको बतुलाई को मान जाऊँगा उस समय बीरबल ने आगे जाकर अपनी धिमानी का परिचय दिया
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sorry but I am not understanding your language only
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