Hindi, asked by hitesh9129, 6 months ago

देहमंददर चित्तमंददर एक ही है प्रार्थना ।

सत्य संद र मांगल्य की ननत्य हो आराधना ॥

जीवन मे नवतेज हो, अंतरंग मे भावना |

संद रता की आस हो मानवता की हो उपासना ||meaning of this poem​

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Answered by rajsingh43648
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Answer:

देहमंददर चित्तमंददर एक ही है प्रार्थना ।

सत्य संद र मांगल्य की ननत्य हो आराधना ॥

जीवन मे नवतेज हो, अंतरंग मे भावना |

संद रता की आस हो मानवता की हो उपासना ||meaning of this poem =

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