India Languages, asked by shahnawazhusain003, 4 months ago

थः का शब्द अथृ
Hindi mein​

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Answered by harishpro784
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मूलशब्द—व्याकरण—संधिरहित मूलशब्द—व्युत्पत्ति—हिन्दी अर्थ

जि—भ्वा॰ पर॰ परा और वि पूर्व आने पर-आ॰ <आजयति> , <जित> —-—-—जीतना, हराना, विजय प्राप्त करना, दमन करना

जि—भ्वा॰ पर॰ परा और वि पूर्व आने पर-आ॰ <आजयति> , <जित> —-—-—मात कर देना, आगे बढ़ जाना

जि—भ्वा॰ पर॰ परा और वि पूर्व आने पर-आ॰ <आजयति> , <जित> —-—-—जीतना, दिग्विजय करके हस्तगत करना

जि—भ्वा॰ पर॰ परा और वि पूर्व आने पर-आ॰ <आजयति> , <जित> —-—-—दमन करना, दबाना, नियन्त्रण रखना,विजय प्राप्त करना

जि—भ्वा॰ पर॰ परा और वि पूर्व आने पर-आ॰ <आजयति> , <जित> —-—-—विजयी होना, प्रमुख या सर्वोत्तम बनना

अधिजि—भ्वा॰ पर॰—अधि-जि—-—जीतना, हराना,पछाड़ना

निर्जि—भ्वा॰ पर॰—निस्-जि—-—जीतना, हराना

निर्जि—भ्वा॰ पर॰—निस्-जि—-—जीत लेना, दिग्विजय द्वारा हस्तगत करना

पराजि—भ्वा॰ पर॰—परा-जि—-—हराना, जीतना, विजय प्राप्त करना, दमन करना

पराजि—भ्वा॰ पर॰—परा-जि—-—खोना, वञ्चित होना

पराजि—भ्वा॰ पर॰—परा-जि—-—जीत लिया जाना या वशीभूत किया जाना, (कुछ) असह्य लगना

विजि—भ्वा॰ पर॰—वि-जि—-—जीतना

विजि—भ्वा॰ पर॰—वि-जि—-—हराना, वशीभूत करना, दमन करना

विजि—भ्वा॰ पर॰—वि-जि—-—मात कर देना, आगे बढ़ जाना

विजि—भ्वा॰ पर॰—वि-जि—-—जीत लेना, दिग्विजय करके हस्तगत करना

विजि—भ्वा॰ पर॰—वि-जि—-—विजयी होना, श्रेष्ठ या सर्वोत्तम बनना

जिः—पुं॰—-—जि + डि़—पिशाच

जिगत्नुः—पुं॰—-—गम् + त्नु, सन्वद्भावत्वात् द्वित्वम्—प्राण, जीवन

जिगीषा—स्त्री॰—-—जि + सन् + अ + टाप्—जीतने की, दमन करने की, या वशीभूत करने की इच्छा

जिगीषा—स्त्री॰—-—-—अपर्धा प्रतिद्वन्दिता

जिगीषा—स्त्री॰—-—-—प्रमुखता

जिगीषा—स्त्री॰—-—-—चेष्टा, व्यवसाय, जीवनचर्या

जिगीषु—वि॰—-—जि + सन् + उ—जीतने का इच्छुक

जिघत्सा—स्त्री॰—-—अद् + सन् + अ, घसादेशः—खाने की इच्छा, बुभुक्षा

जिघत्सा—स्त्री॰—-—-—हाथपाँव मारना,

जिघत्सा—स्त्री॰—-—-—प्रबल उद्योग करना

जिघत्सु—वि॰—-—अद् + सन् + उ, घसादेशः—बुभुक्षु, भूखा

जिघांसा—स्त्री॰—-—हन् + सन् + अ + टाप्—मार डालने की इच्छा

जिघांसु—वि॰—-—हन् + सन् + उ—मार डालने का इच्छुक, घातक

जिघांसुः—पुं॰—-—-—शत्रु, वैरी

जिघृक्षा—स्त्री॰—-—ग्रह् + सन् + अ + टाप्—ग्रहण करने की या लेने की इच्छा

जिघ्र—वि॰—-— घ्रा + श, जिघ्रादेशः—सूँघने वाला

जिघ्र—वि॰—-—-—अटकलबाज, अनुमान लगाने वाला, निरीक्षण करने वाला

जिज्ञासा—स्त्री॰—-—ज्ञा + सन् + अ + टाप्—जानने इच्छा, कुतूहल, कौतुक या ज्ञानेप्सा

जिज्ञासु—वि॰—-—ज्ञा + सन् + उ—जानने का इच्छुक, ज्ञानेप्सु, प्रश्नशील

जिज्ञासु—वि॰—-—-—मुमुक्षु

जित्—वि॰—-—जि + क्विप्—जीतने वाला, परास्त करने वाला, विजय प्राप्त करने वाला

जित—भू॰क॰कृ॰—-—जि + क्त—जीता, अभिभूत, दमन किया

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