‘दो कलाकार’ कहानी पाठक को समाज सुधार का संदेश देती है । मनु भंडारी द्वारा लिखी किसी अन्य मूल्य पर आधारित कहानी पड़ें ओर विश्लेषण कीजिए ।
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दो कहानी में मन्नू भंडारी जी ने दो सहेलियों का चित्रण बड़ी बहुत ही अच्छे तरीके से किया है। एक जो समाज सेवक है,गरीबों की मसीहा है और उसके लिए ही जीती है।
दूसरे मित्र को कलाकारी में बेहतर स्थान नाम,सम्मान मिला था। परंतु ,उस चरित्र को लोगों का सम्मान करना नहीं आता है। इस वजह से समाज में चित्रा जैसे लोगों की कोई सम्मान होते हुए भी नहीं होता सिर्फ़ व्यवहार के कारण।
यही सच है कथा-साहित्य में अक्सर ही नारी का चित्रण पुरुष की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर किया गया है। लेखकों ने या तो नारी की मूर्ति को अपनी कुंठाओं के अनुसार तोड़-मरोड़ दिया है, या अपनी कल्पना में अंकित एक स्वप्नमयी नारी को चित्रित किया है।
लेकिन मन्नू भंडारी की कहानियाँ न सिर्फ इस लेखकीय चलन की काट करती हैं, बल्कि आधुनिक भारतीय नारी को एक नई छवि भी प्रदान करती हैं। मन्नूजी नारी के आँचल को दूध और आँखों को व्यर्थ के पानी से भरा दिखाने में विश्वास नहीं रखतीं। वे उसके जीवन-यथार्थ को उसी की दृष्टि से यथार्थ धरातल पर रचती हैं, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि कहानियों का यथार्थ कहानी के कलात्मक संतुलन पर भारी न पड़े। इससे मन्नूजी का कथा-संसार बहुत अपना और आत्मीय हो उठता है। ‘यही सच है’ मन्नू भंडारी की अनेक महत्त्वपूर्ण कहानियों का बहुचर्चित संग्रह है।
दूसरे मित्र को कलाकारी में बेहतर स्थान नाम,सम्मान मिला था। परंतु ,उस चरित्र को लोगों का सम्मान करना नहीं आता है। इस वजह से समाज में चित्रा जैसे लोगों की कोई सम्मान होते हुए भी नहीं होता सिर्फ़ व्यवहार के कारण।
यही सच है कथा-साहित्य में अक्सर ही नारी का चित्रण पुरुष की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर किया गया है। लेखकों ने या तो नारी की मूर्ति को अपनी कुंठाओं के अनुसार तोड़-मरोड़ दिया है, या अपनी कल्पना में अंकित एक स्वप्नमयी नारी को चित्रित किया है।
लेकिन मन्नू भंडारी की कहानियाँ न सिर्फ इस लेखकीय चलन की काट करती हैं, बल्कि आधुनिक भारतीय नारी को एक नई छवि भी प्रदान करती हैं। मन्नूजी नारी के आँचल को दूध और आँखों को व्यर्थ के पानी से भरा दिखाने में विश्वास नहीं रखतीं। वे उसके जीवन-यथार्थ को उसी की दृष्टि से यथार्थ धरातल पर रचती हैं, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि कहानियों का यथार्थ कहानी के कलात्मक संतुलन पर भारी न पड़े। इससे मन्नूजी का कथा-संसार बहुत अपना और आत्मीय हो उठता है। ‘यही सच है’ मन्नू भंडारी की अनेक महत्त्वपूर्ण कहानियों का बहुचर्चित संग्रह है।
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