दुख का अधिकार पाठ का आशय स्पष्ट कीजिए
Answers
Answered by
14
उत्तर:
इस पाठ में मुख्य पात्र एक बुढ़िया है जो पुत्र शोक से पीड़ित है। उस बुढ़िया की तुलना एक अन्य स्त्री से की गई है जिसने ऐसा ही दर्द झेला था। दूसरी स्त्री एक संपन्न घर की थी। इसलिए उस स्त्री ने ढ़ाई महीने तक पुत्र की मृत्यु का शोक मनाया था। उसके शोक मनाने की चर्चा कई लोग करते थे। लेकिन बुढ़िया की गरीबी ने उसे पुत्र का शोक मनाने का भी मौका नहीं दिया। बुढ़िया को मजबूरी में दूसरे ही दिन खरबूजे बेचने के लिए घर से बाहर निकलना पड़ा। ऐसे में लोग उसे हिकारत की नजर से ही देख रहे थे। एक स्त्री की संपन्नता के कारण शोक मनाने का पूरा अधिकार मिला वहीं दूसरी स्त्री इस अधिकार से वंचित रह गई। इसलिए इस पाठ का शीर्षक बिलकुल सार्थक है।
If it helped you, Please mark it as Brainliest. ☺
Answered by
5
I have attached the answer below....
Hope it helps!!
Attachments:
Similar questions
World Languages,
5 months ago
Chemistry,
10 months ago
Computer Science,
1 year ago
Economy,
1 year ago