देखो
,
नाचती
गाती
जच्चोंकीरोलीमा
गई
।
तुम
भी
उड़ा
लोग
जिशनी तुम्हे पतीशा थी।
होली मह नमानमा लाई।
गुब्बारे, पिचकारी
अबीर गुलाल की धूम मचाई।
माली भर भर गए लाई।
गौर कर लो मनमानी। मह होली रोज नहीं आती।
'गुलजारे पिचकारी भर लो,
शैतानी मनमानी कर लो।
चकली दाही { लगा लो,
या चेहरा रंगीन बना लो।
बाल कूदकर हंस लो, गालो,
होली है भई, मौज मना लो।'
क्या बहार है रंगो की। दुनिया सचमुच रंग बिरंगी नजर आती है।
बच्चे, बूढ़े, जवान, औरत मर्द, सबके कपडे ही नहीं, मुखड़े ऐ
मा
लाल, हरे, पीले, नीले और गुलाबी नजर माते है।
कोई पिचकारी से रंगो की बौगर कर रहा है तो कोई बोतल और
Answers
Answered by
0
Answer:
jflsultatualultafulsusltutslultslutsltustisl
Explanation:
dhksrulfjldfukdfjdufdfjddhjhdf
Similar questions