Hindi, asked by ankit99316, 6 months ago

दीन्ह कलंक कीन्ह उजियारा का अर्थ​

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Answered by Anonymous
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मलिक कुरुप और काने थे, कुछ लोगों के अनुसार वह जन्म से ही काने थे। इस संबंध में अधिकतर लोगों का कहना है कि शीतलता या अर्द्वेेग रोग से उनका शरीर विकृत हो गया था। जनश्रुति है कि बालक मुहम्मद पर शीतल का भयंकर प्रकोप हुआ, जिससे माता- पिता को निराशा  

हुई। माँ ने पाक- साफ दिल से शाहमदार की मनौती की। पीर की दुआ बालक बच गया, किंतु बीमारी के कारण उनकी एक आँख चली गयी। उसी ओर का बायां कान भी नाकाम हो गया। अपने काने होने का उल्लेख उन्होंने स्वयं ही किया है :-

एक नयन कवि मुहम्मद गुमी।

सोइ बिमोहो जेइ कवि सुनी।।

चांद जइस जग विधि ओतारा।

दीन्ह कलंक कीन्ह उजियारा।।

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