Hindi, asked by koshleamit770, 2 months ago

'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता में बच्चों की प्रत्याशा को कवि ने किस
प्रकार प्रस्तुत किया है?
कवितावली में उद्धृत छंदों के आधार पर स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने
युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है।​

Answers

Answered by jha37731
0

Answer:

इस कविता में कवि ने जीने की इच्छा और समय की सीमितता का सुंदर वर्णन किया है। कवि कहता है कि यद्यपि राहगीर थक जाता है, हार जाता है लेकिन वह फिर भी अपनी मंजिल की ओर बढ़ता ही जाता है। उसे इस बात का भय रहता है कि कहीं दिन न ढल जाए। इसी प्रकार चिड़ियों के माध्यम से भी कवि ने जीने की लालसा का अद्भुत वर्णन किया है। चिड़ियाँ जब अपने बच्चों के लिए तिनके, दाने आदि लेने बाहर जाती हैं तो दिन के ढलते ही वे भी अपने बच्चों की स्थिति के बारे में सोचती हैं।

वे सोचती हैं कि उनके बच्चे उनसे यही अपेक्षा रखते हैं कि हमारे माता-पिता हमारे लिए कुछ खाने का सामान लाएँ। कवि पुनः आत्मपरिचय देता हुआ कहता है कि मेरा इस दुनिया में यद्यपि कोई नहीं फिर भी न जाने कौन मुझसे मिलने के लिए उत्सुक है। यही प्रश्न मुझे बार-बार उत्सुक कर देता है। मेरे पाँवों में शिथिलता और मन में व्याकुलता भर देता है। किंतु दिन के ढलते-ढलते ये शिथिलता और व्याकुलता धीरे-धीरे मिटने लगती है। वास्तव में इस कविता के माध्यम से हरिवंशराय बच्चन ने जीवन की क्षण भंगुरता और मानव के जीने की इच्छा का मनोवैज्ञानिक चित्रण किया है।

Similar questions