दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता में बच्चों का प्रत्याशी को कवि ने किस प्रकार प्रस्तुत किया है.
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Answer:
बच्चे से यहाँ आशय चिड़ियों के बच्चों से है। जब उनके माँ-बाप भोजन की खोज में उन्हें छोड़कर दूर चले जाते हैं तो वे दिनभर माँ-बाप के लौटने की प्रतीक्षा करते हैं। शाम ढलते ही वे सोचते हैं कि हमारे माता-पिता हमारे लिए दाना, तिनका, लेकर आते ही होंगे। वे हमारे लिए भोजन लाएँगे। हमें ढेर सारा चुग्गा देंगे ताकि हमारा पेट भर सके। बच्चे आशावादी हैं। वे सुबह से लेकर शाम तक यही आशा करते हैं कि कब हमारे माता-पिता आएँ और वे कब हमें चुग्गा दें। वे विशेष आशा करते हैं कि हमें ढेर सारा खाने को मिलेगा साथ ही हमें बहुत प्यार-दुलार भी मिलेगा।
Explanation:
शीतल वाणी में आग कहकर कवि ने विरोधाभास की स्थिति पैदा की है। कवि कहता है कि यद्यपि मेरे द्वारा कही हुई बातें शीतल और सरल हैं। जो कुछ मैं कहता हूँ वह ठंडे दिमाग से कहता हूँ, लेकिन मेरे इस कहने में बहुत गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। मेरे द्वारा कहे गए हर शब्द में संघर्ष हैं। मैंने जीवन भर जो संघर्ष किए उन्हें जब मैं कविता का रूप देता हूँ तो वह शीतल वाणी बन जाती है। मेरा जीवन मेरे दुखों के कारण मन ही मन रोता है लेकिन कविता के द्वारा जो कुछ कहता हूँ उसमें सहजता रूपी शीतलता होती है।
प्रश्न 5.