दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता में कवि ने स्वयं को जगत से किस प्रकार अलग बताया है
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इन पंक्तियों में कवि ने जीवन की क्षणभंगुरता का वर्णन किया है। जल्दी-जल्दी' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। दिन का मानवीकरण किया गया है। ... कवि ने इस कविता में बताया है कि दुनिया को जानना सरल है, किंतु स्वयं को जानना बहुत कठिन है।
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इन पंक्तियों में कवि ने जीवन की क्षणभंगुरता का वर्णन किया है। जल्दी-जल्दी' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। दिन का मानवीकरण किया गया है। कवि ने इस कविता में बताया है कि दुनिया को जानना सरल है, किंतु स्वयं को जानना बहुत कठिन है।
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