Hindi, asked by renu1637, 12 days ago

दिन जल्दी जल्दी ढलता है पाठ का सारांश लिखिए

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Answered by ashishkumaralpeshbha
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Answer:

दिन जल्दी जल्दी डालता है

यह कविता आरोह पाठ एक गीत की है,यह कविता हरिवश राय द्वारा लिखी गई ही जिसमे उन्होंने बताया ही के

जो एक परिवार वाला व्यक्ति होता है वह जल्दी अपने काम से घर और बढ़ता है चाहे वह थक जाय पर वह अपने घर की और तेजी से बढ़ता ही क्युकी उसे डर है कि दिन ढल जाय

दूसरी पंक्ति में कहते ही की एक चिड़िया जो खाना खोज कर जब घर की और बढ़ती ही तो वह यह सोच कर अपने पंख ज्यादा हिलाती है की उसके बच्चे उसकी राह देख रहे होगे और गोसले से झाक रहे होंगे और रात में तो ज्यादा परेशान होगे उसे भी दिन ढलने की चिंता थी।

अंतिम पंक्ति में कहते है की जिसकी घर पर कोई प्रतीक्षा नहीं कर रहा हो वह धिरे धिरे अपने घर की और चलता ही क्योंकि वह अकेला है उसे दिन ढलने की चिंता नहीं है

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