दैनिक जीवन में PHका क्या महत्व है
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दैनिक जीवन में पीएच का महत्व-
हमारे शरीर में होने वाली जैव रासायनिक क्रियाओं की पीएच परास 7 से लेकर 7.8 तक ही होती है। इसमें थोड़ा भी परिवर्तन हमारे शरीर पर बहुत घातक प्रभाव डालता है।
अम्लीय वर्षा में जल का ph मान 5.6 से कम होता है। इस जल के फल स्वरुप नदियों का PH मान भी कम हो जाता है जो कि जलीय जीवो पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
उपजाऊ मिट्टी का पीएच मान भी एक निश्चित परास में होता है जो न तो अधिक अम्लीय तथा न ही अधिक क्षारीय होता है।
विभिन्न प्रकार के मसालेदार भोजन पेट की अम्लता को बढ़ाते हैं जिसकी वजह से एसिडिटी तथा गैस की समस्या होती है। इसे दूर करने के लिए क्षारीय प्रकृति वाले मिल्क ऑफ मैग्नीशिया का प्रयोग किया जाता है।
मधुमक्खी के डंक में मेथेनॉइक अम्ल होता है जोकि अम्लीय प्रकृति का होता है और जलन उत्पन्न करता है। इसे शांत करने के लिए क्षारीय प्रकृति के बेकिंग सोडा का प्रयोग किया जाता है।
दांत का इनामेल कैल्शियम सल्फेट का बना होता है जो कि हमारे शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। दांतों की सफाई नहीं करने पर बैक्टीरिया के सड़ने से अम्लों की उत्पत्ति होती है जिनसे मुंह की लार का पीएच 5.5 से कम चला जाता है और इनामेल को नुकसान पहुंचाता है।