दैनिक समाचार पत्र जिसमें पुस्तकों के मूल्यों में निरंतर वृद्धि होती है
Answers
Answered by
1
आजकल पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में आसमान को छू रही है इस काम में सरकारी प्रकाशन और प्राइवेट बलेश्वर दोनों एक दूसरे से जुड़ जुड़ रहे हैं एनसीपी की पुस्तके जो सस्ती कीमतों के लिए जानी जाती थी अब वह काफी महंगी होती जा रही है प्राइवेट पब्लिशर्स तो एक मामूली सी किताब के 150 से ₹200 कीमत रखते हैं इसको बेचने के लिए विक्रेता को 30 से ₹35 प्रतिशत तक कमीशन देते हैं और ग्राहक को लूट पाते हैं पुस्तक की कीमतों में ही रही वृद्धि के कारण लूट पाते पुस्तक को कीमतों में वृद्धि के कारण के कारण विद्यार्थियों को पूरी पुस्तक खरीदने में कठिनाई कठिन कठिन होता जा रहा है शायद इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.
Similar questions