दिनों दिन बढ़ता प्रदूषण par nibandh in 300 words
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प्रदूषण आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है। प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमियों के लिए यह भारी चिंता का विषय बन गया है। इसकी चपेट में मानव समुदाय ही नहीं , समस्त जीव समुदाय आ गया है। इसके दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहे हैं प्रदूषण का शवब्दिक अर्थ है - गंदगी। वह गंदगी जो हमारे चारों ओर फैल गई है और जिस की गिरफ्त में पृथ्वी के सभी निवासी है उसे प्रदूषण कहां जाता है। प्रदूषण का मोटे तौर पर तीन श्रेणियों मैं विभक्त किया जा सकता है - वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण, और ध्वनि प्रदूषण। यह तीनों ही प्रकार के प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रही है।
वायु और जल प्रकृति - प्रददांत जीवनदायी वस्तुएं हैं जीवो की उत्पत्ति और जीवन को बनाए रखने में इन दोनों वस्तुओं का बहुत बड़ा हाथ है वायु में जहां सभी जीवधारी सांस लेते हैं वही जल को पीने के काम में लाते हैं। लेकिन यह दोनों ही वस्तुएं आजकल बहुत गंदी हो गई है।
वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण इसमें अनेक प्रकार की अशुद्ध गैसों का मिल जाना है। वायु में मानवीय मानो ऑक्साइड जैसे
प्रदूषित तत्व भारी भारी मात्रा में मिलते जा रहे है। जल में नगरो का कूड़ा - कचरा रासायनिक पदार्थों से युक्त गंदा पानी प्रवाहित किया जाता रहा है।
ध्वनि प्रदूषण का मुख्य मुख्य कारण है - बढ़ती आबादी के कारण निरंतर होने वाला शोरगुल। घर के बर्तनों खट पट , मशीनों की खटपट और वदया - यंत्रों की झन - झन दिनों दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है वाहनों का शोर , उपकरणों की चीख और चारों दिशाओं से पाने वाले विभिन्न प्रकार की आवाजें ध्वनि ध्वनि प्रदूषण को जन्म दे रही है। महानगरों में तो ध्वनि - प्रदूषण अपने ऊंचाई पर है।