दुनिया के सारे अनपढ़ तानाशाह ने सबसे पहले पुस्तकालय जलाए हैं या किताबों को कुचला है क्यों
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¿ दुनिया के सारे अनपढ़ तानाशाह ने सबसे पहले पुस्तकालय जलाए हैं या किताबों को कुचला है क्यों ?
✎... दुनिया के सारे अनपढ़ तानाशाहों ने सबसे पहले या तो पुस्तकालय जलाये हैं या किताबों को कुचला है। ऐसा इसलिए क्योंकि किताबें ही ऐसी है जो किसी बंधन से परे होती हैं, वे स्वतंत्र होती हैं। दूरदर्शन, रेडियो, पत्र-पत्रकाओं पर हमेशा सरकारी अंकुश रहता है, इसलिये इनके माध्यम से स्वतंत्र विचारों का प्रसार नही किया जा सकता।
किताबें स्वतंत्र होती हैं। किताबों के माध्यम से सामान्य जन शिक्षित होगा तो वह जागरूक होगा। जागरूक होगा, तो तानाशाह के खिलाफ खड़ा होगा, इसलिए तानाशाहों ने सुनियोजित तरीके से किताबों को जलाने-कुचलने का काम किया है, ताकि सामान्य जन साक्षर ना हो सके, वह शिक्षित ना बन सके और उनके खिलाफ आवाज ना उठा सके। इसीलिए तानाशाह सुनियोजित तरीके से सामान्य जन को शिक्षा से दूर रखते रहे हैं और अपने माध्यमों से अपने अनुकूल विचारों का फैलाव करते रहे हैं, जिससे उनके हितों की सिद्धि हो और लोग भेड़चार बनकर उनका अनुसरण करें ताकि वह जिस आराम से सब पर राज कर सकें, कोई उनके विरुद्ध आवाज ना उठाएं।
ऐसा बंदोबस्त हर युग के तानाशाह हमेशा करते रहें है ताकि कि आम आदमी किताबों से दूर रहे, साक्षर न हो, शिक्षित न हो, जागरूक न हो और तानाशाह अपनी तानाशाही चलाते रहें।
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Answer:
Why all the illiterate dictators of the world have first lit libraries or crushed books
Explanation:
Books have great importance in modelling our personality and character. Books not only give us knowledge but also a sense of peace and comfort. Books help us in expanding our thoughts and opening up our minds to new horizons and cultures.
Now an illitertae dictator will never want that his people are educated enough to challenge him, rather he wants to control them so that is why this discourage books and libraries
Hindi version
हमारे व्यक्तित्व और चरित्र के निर्माण में पुस्तकों का बहुत महत्व है। किताबें न केवल हमें ज्ञान देती हैं बल्कि शांति और सुकून का एहसास भी देती हैं। किताबें हमें अपने विचारों का विस्तार करने और नए क्षितिज और संस्कृतियों के लिए हमारे दिमाग को खोलने में मदद करती हैं।
अब एक इलस्ट्रेटर तानाशाह कभी नहीं चाहेगा कि उसके लोग उसे चुनौती देने के लिए पर्याप्त शिक्षित हों, बल्कि वह उन्हें नियंत्रित करना चाहता है, इसीलिए यह किताबों और पुस्तकालयों को हतोत्साहित करता है