Hindi, asked by Trishagohil7794, 1 month ago

१-दुनिया में फैली महामारी और उसका निराकरण (३pages)

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Answered by ammalu60
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Answer:

चीन एक नए वायरस के साथ संघर्ष कर रहा है जिसने 80 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली है. चीन के लिए ये एक गंभीर मुद्दा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चीन के लिए एक आपातकालीन स्थिति कहा है. हालांकि अभी बाक़ी दुनिया के लिए ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि आख़िरकार इसके गंभीर आर्थिक नतीजे होंगे.

लेकिन सवाल ये उठता है कि ये आर्थिक परिणाम कितने गंभीर होंगे और उनका असर कहां तक होगा?अतीत में इस तरह की घटनाओं से हुए आर्थिक नुक़सान को देखते हुए हम अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के किसी संभावित असर के बारे में बता सकते हैं.

ज़्यादा पुरानी बात नहीं है, साल 2002-03 के दौरान सार्स की महामारी फैली थी और इसकी शुरुआत भी चीन में हुई थी.

फ़िलहाल तो चीन को थोड़ा आर्थिक नुक़सान हुआ ही है.

देश के कुछ हिस्सों में यात्रा प्रतिबंध लागू हैं और वो भी ऐसे वक़्त में जब चीनी नव वर्ष का समय है और लोग बड़ी संख्या में यात्राएं करते हैं.

इस लिहाज़ से चीन के पर्यटन व्यवसाय को झटका लग ही चुका है.कोरोना वायरस से मनोरंजन और तोहफों पर उपभोक्ताओं के ख़र्च पर असर होगा.

मनोरंजन क्षेत्र की बात करें तो बहुत से लोग घर से बाहर जाकर ऐसी किसी गतिविधि में हिस्सा लेने से बचेंगे जिनसे उनके संक्रमण की ज़द में आने का ख़तरा हो.

इसमें कोई शक नहीं कि कई लोगों ने पहले से निर्धारित अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए होंगे.

हालात की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस का प्रसार जिस वुहान शहर से शुरू हुआ वो चीन का एक अहम ट्रांसपोर्ट हब है.

किसी भी ऐसे कारोबार के लिए जहां लोगों और वस्तुओं के आवागमन की ज़रूरत पड़ती हो, यात्रा प्रतिबंध एक बड़ी समस्या होती है.

इससे इंडस्ट्री के सप्लाई चेन पर पर असर पड़ता है, कुछ चीज़ों की डिलेवरी में बाधा आती है और कुछ चीज़ें ज़्यादा महंगी हो जाती हैं.

अगर लोग काम के लिए सफ़र न कर सकें या न करना चाहें तो इससे कारोबार का नुक़सान अलग से होता है.

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