Hindi, asked by shweetarevindra77, 7 months ago

दिपावली पर निबंध लेखन ​

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Explanation:

दीपावली को दीवाली के नाम से भी जाना जाता है । दीपावली हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है । इसे कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है । यह प्रकाश पर्व है । इस दिन घर-घर प्रकाश से जगमगा उठता है ।

दीपावली एक दिन का पर्व नहीं, अपितु कई पवों का समूह है जो कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की दूज तक बहुत हर्षोल्लास से संपन्न होता है । ये पर्व हैं- धन त्रयोदशी, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज ।

दीपावली के दिन रात्रिकाल में धन-संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी जी और विघ्नविनाशक व मंगलदाता गणेश जी की पूजा की जाती है । समुद्र-मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों में लक्ष्मी भी एक रत्न थीं । लक्ष्मी रत्न का प्रादुर्भाव कार्तिक मास की अमावस्या को हुआ था । उस दिन से कार्तिक की अमावस्या लक्ष्मी-पूजन का त्योहार बन गया । लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि गणेश धन-संपत्ति की संरक्षा करते हैं तथा सब प्रकार के अमंगलों का नाश कर सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं ।

दीपावली के मनाने के पीछे एक कथा यह भी है कि भगवान राम इसी दिन रावण संहार के उपरांत पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण समेत अयोध्या लौटे थे । चौदह वर्ष के वनवास से लौटने की उमंग में अयोध्यावासियों ने अपने- अपने घर सजाए थे तथा रात को घरों में विशेष रोशनी की थी । तब से दीपावली के दिन लोग अपने सजे हुए घर में दीप जलाते हैं तथा प्रकाश-व्यवस्था करते हैं ।

इस त्योहार का संबंध फसल से भी है । इस समय खेतों में नई फसल पकने लगती है । किसान नइ फसल रूपी धन-लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए उत्सव मनाते हैं । फसल रखने के लिए खलिहान और घरों को लीप-पोत कर तैयार कर लिया जाता है । इससे बरसात के कारण हुई क्षति की भरपाई भी होती है । रात को असंख्य दीप जलते हैं जिनमें कीट-पतंगे और मच्छर नष्ट हो जाते हैं । घर-आँगन साफ-सुथरा दिखाई देने लगता है । शहरों में भी लोग अपने घर से कूड़ा-करकट निकाल कर दीवारों की पुताई करते हैं । व्यापारी अपना पुराना हिसाब-किताब निबटाकर नए बही-खाते तैयार करते हैं ।

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