Hindi, asked by shrishty7017, 6 months ago

दीर्घ उत्तरीय-
क. प्रथम पद के आधार पर श्रीकृष्ण के बाल-रूप का वर्णन कीजिए।​

Answers

Answered by NagayachG
2

Answer:

मीराबाई के पदावली के आधार पर श्री कृष्ण के बाल रूप का वर्णन निम्न प्रकार है-

Explanation:

1

बसो मोरे नैनन में नंदलाल ,

बसो मोरे नैनन में नंदलाल , मोर मुकुट मकराकृत कुंडल ,अरुण तिलक दिए भाल ।।

अर्थात मेरे नैनों में तो नंद जी का लाल बसा हुआ है जिसके सिर पर मोर का मुकुट और जिसके कानों के कुंडल मछली के समान है और उनके मस्तक पर सूर्य के समान तेल वाला टीका लगा हुआ है ।

2

मोहनी मूरत सांवली सूरति , नैना बने विसाल ।।

मोहनी मूरत सांवली सूरति , नैना बने विसाल ।।अधर-सुधा-रस मुरली राजत, उर बैजंती माल ।।

अर्थात जिनकी मूरत यानी कि जिन का स्वरूप शावला है और सूरत मन को मोहने वाली है और उनके नेत्र बड़े बड़े हैं यानी विशाल हैं । उनके होठों में मीठी मुरली विराजमान है और गले में वैजयंती के फूलों की माला है ।।

3

छुद्र घंटिका कटि तट सोभित ,नूपुर सबद रसाल।।

छुद्र घंटिका कटि तट सोभित ,नूपुर सबद रसाल।।मीरा प्रभु संतन सुखदाई ,भक्त बछल गोपाल ।।

अर्थात जिनकी कमर पर चोटी सी घंटी सोभित उसके ध्वनि मीठी है। मीराबाई कहती हैं कि संतों को सुख देने वाले भगत वत्सल भगवान श्री कृष्ण यानी कि गोपाल को मेरा प्रणाम है ।

धन्यवाद ;) ☺️

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