दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों का युवा वर्ग पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव
करते हुए दो मित्रों में संवाद लिखिए।
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दूरदर्शन आज भारतीय जन–जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। दृश्य और श्रव्य दोनों साधनों के सुसंयोजन ने इसे मनोरंजन का श्रेष्ठतम साधन प्रमाणित कर दिया है। नित्य नई तकनीकों के प्रवेश और नये–नये चैनलों के उद्घाटन ने बालक और युवावर्ग को दूरदर्शन का दीवाना बना दिया है।
दूरदर्शन का प्रभाव–
क्षेत्र–दूरदर्शन का प्रभाव–क्षेत्र पिछले दशकों में बड़ी तीव्रता से बढ़ा है। हर आयु, वर्ग तथा रुचि के लोगों में दूरदर्शन से लगाव बढ़ा है।
इस समय सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र पर किसी–न–किसी रूप में दूरदर्शन का प्रभाव है। युवा इसके मनोरंजक पक्ष से, व्यवसायी इसकी असीमित विज्ञापन–क्षमता से, राजनीतिज्ञ इसके देशव्यापी प्रसारण से, धार्मिक इसकी कथाओं और धार्मिक स्थलों की सजीव प्रस्तुति से प्रभावित हैं।।
दूरदर्शन के अनुचित प्रभाव–दूरदर्शन की लोकप्रियता जैसे–जैसे बढ़ रही है, वैसे–वैसे इसका हानिकारक पक्ष भी सामने आता जा रहा है। जीवन के सभी क्षेत्रों में इसके कुप्रभाव देखे जा सकते हैं–