ठेस कहानी का उद्देश्य क्या है
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ठेस' कहानी का उद्देश्य एक ग्रामीण कलाकार के स्वाभिमान और आत्मगौरव को प्रकट करना है। कलाकार दूसरों से सम्मान प्राप्त करने का आकांक्षी होता है। उसे जब सम्मान की जगह तिरस्कार और अपमान प्राप्त होता है तो उसके संवेदनशील कोमल हृदय को ठेस पहुंचती है। यही ठेस उसे भविष्य में काम न करने का कठोर निर्णय लेने पर विवश करती है।
Answer:
कहानी का उद्देश्य यह दर्शाना है कि कलाकार की दृष्टि में उसकी कला धन से श्रेष्ठ है।
Explanation:
ठेस कहानी का उद्देश्य
कहानी ठेस एक समर्पित कलाकार के मनोविज्ञान की कहानी है। इस कहानी का नायक सिरचन एक अत्यंत कार्यकुशल बुनकर है। परन्तु वह अपनी कला को बेचता नहीं है। अभाव का जीवन जीने वाला सिरचन अपनी कला का मोल नहीं लेता है केवल दिनभर के खाने पीने पर ही काम करता है । परन्तु सिरचन कभी भी बेचारगी का जीवन नहीं जीता है। सिरचन के पास जितनी उत्कृष्ट कला है उतनी ही तीखी जीभ भी है। उसे स्वादिष्ट वस्तुएँ खाने का भी शौक है। सिरचन को किसी की कही हुई बात चुभ जाती है तो वह तुरंत प्रतिकार करता है। फिर बात कहने वाला भले ही समाज में कितना भी प्रतिस्थापित व्यक्ति क्यों न हो । यही एक कलाकार की स्पष्टवादीता है। इसी कहानी में एक संवेदनशील कलाकार के भावात्मक रूप को अत्यंत सफलतापूर्वक चित्रित किया गया है। लेखक सिरचन के माध्यम से समाज को सन्देश देता है कि धन से कला और कलाकार की भावनाओं की ख़रीदा नहीं जा सकता है। कला का स्थान धन से ऊपर है। प्रलोभन सच्चे कलाकार को छू भी नहीं सकता है और लोभवश कोई भी कलाकार अपनी आत्मा की आवाज को नहीं नकारता । परन्तु कलाकार दूसरे की भावनाओं का सम्मान भी करता है। इसीलिए सिरचन मानू के घरवालों से रुष्ट होने के पश्चात भी अपनी कला का सर्वश्रेष्ठ रूप मानू को प्रदान करता है और उसका कोई भी मूल्य नहीं स्वीकारता । इस कहानी का उद्देश्य यह दर्शाना है कि कलाकार की दृष्टि में उसकी कला धन से श्रेष्ठ है।
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