Hindi, asked by surekha1985sb, 6 months ago

दोस्त की पहचान लघुकथा लिखो​

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Answered by prasadsapkal282
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Explanation:

सच्चे मित्र की कहानी | Hindi kahani

Ache insan ki pehchan | hindi kahani

सच्चे मित्र की कहानी : Ache insan ki pehchan, hindi kahani, एक दिन कुछ मित्र जंगल में फल तोड़ने के लिए गए, क्योकि उन्हें किसी ने यह बताया था की जंगल में कुछ ऐसे फल है जो आपने कभी नहीं देखे होंगे, इसलिए तीन दोस्त उन फलो को तोड़ने के लिए जंगल में चले गए, but वह नहीं जानते थे की फल कहा पर है, इसलिए तीनो ने अपने साथ कुछ खाने का समान भी रख लिया था

सच्चे मित्र की कहानी : Ache insan ki pehchan

hindi story.jpg

sacha mitra story in hindi

जब बहुत देर उन्हें चलते हुए हो गयी तो तीनो थक गए थे, तीनो ने एक पेड़ के नीचे बैठ अपना खाना खाया और तीनो यही बात करने लग गए की हम बहुत दूर आ गए है पर हमे तो वह फल कही भी नज़र नहीं आ रहा है, उस आदमी ने तो बताया था की वह पेड़ कुछ दूरी पर ही है, अब पता नहीं है, की और कितनी दूर चलना पड़ेगा,

तीनो अपने मन में सोच रहे थे, की पता नहीं वो फल केसा होगा, हमने वह कभी नहीं देखा है, इसलिए हम उसे खाएंगे नहीं, बल्कि अपने साथ घर लेकर जाएंगे, जिससे हम सभी को उसे दिखा पाएंगे, ऐसा सोचते हुए नींद आ गयी और वो सो गए कुछ देर बाद उनकी आँखे खुली और वह अपने सफर को चल पड़े, जब वह कुछ दूर चले थे तभी उन्हें वह पेड़ दिखाई दिया,

वह सभी उस पेड़ के पास आ गए और देखा की उस पेड़ पर बहुत बड़ा फल लगा हुआ है, जिसका रंग नीला है, अब तीनो यही सोच रहे थे की खाने में लगता है बहुत अच्छा होगा, तीनो ने वह फल थोड़ लिया और खाने लगे, खाने में बहुत ही अच्छा था, वो इतना मीठा था, उसका स्वाद वह भूल नहीं पा रहे थे,

तभी वह पर शेर आ गया था, तीनो ने जब शेर को देखा तो भागने लगे वह शेर से बहुत डर रहे थे, उनमे से दो पेड़ पर चढ़ गए थे, एक को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, वह नीचे ही खड़ा हुआ था, जो पेड़ पर चढ़ गए थे वो दोनों नीचे आये, और उनमे से एक वह से भाग गया, दूसरे ने कहा की चलो जल्दी पेड़ पर चढ़ जाओ,

वह उसे लेकर पेड़ पर चढ़ गया अब दो ही पेड़ पर थे, एक शेर को देख कर भाग गया था, शेर उनका इंतज़ार कर रहा था, की वो कब नीचे उतरे और उन पर हमला बोल दू, उन्हें लग रहा था की जो उनका दोस्त भाग गया है वो उनके लिए मदद लाएगा पर ऐसा नहीं हुआ, जब कोई भी नहीं आया तो उन दोनों ने पेड़ से एक डाली थोड़ा ली, और शेर के मुँह में उन्होंने उसे फंसा दिया, और दोनों वह से भाग निकले, इसलिए सच्चा मित्र वही होता है जो मुसीबत में भी साथ रहे,

सच्चा मित्र वही होता है जो आपका साथ देता है जो आपको परेशानी से निकालने में मदद करे वही हमारा सच्चा मित्र होता है इसलिए आपको अपने मित्र की बात माननी चाहिए, सच्चे मित्र की कहानी

Answered by priyadarshinibhowal2
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दोस्त की पहचान :

भगवान कृष्ण और सुदामा को बचपन में लकड़ी लाने का काम सौंपा गया था। जैसे ही पानी बरसने लगा दोनों दोस्तों ने जल्दी से एक पेड़ के नीचे शरण ली। वे दोनों इस समय पेकिश महसूस कर रहे थे। सुदामा के पास कुछ चने थे। सुदामा ने जब कृष्ण को भूखा होने का संकेत दिया तो वह पहले तो उन्हें भोजन देने से हिचक रहे थे। हालाँकि, उन्होंने अंततः कृष्ण को वे छोले दिए।

छोले भगवान कृष्ण के पसंदीदा भोजन थे, उन्होंने उन्हें प्रदान करने के लिए सुदामा का आभार व्यक्त किया।

कई वर्षों बाद, द्वारका के शासक भगवान कृष्ण को सुदामा से सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ, जो एक निराश्रित ब्राह्मण बन गए थे। यह देखते हुए कि वह उनके परिचितों के बारे में अच्छी तरह से जानती थी, सुदामा की पत्नी ने उस पर भगवान कृष्ण से सहायता माँगने का दबाव डाला। इस प्रकार, एक अनिच्छुक सुदामा ने अपने मित्र से वित्तीय सहायता मांगने के लिए द्वारका की यात्रा की।

वह अत्यधिक गरीबी में था और उसके पास अपने दोस्त को देने के लिए कुछ छोले के अलावा कुछ भी नहीं था, जिसे वह भगवान कृष्ण का पसंदीदा भोजन जानता था।

द्वारका पहुँचने पर भगवान कृष्ण ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया और उन्हें धन भी प्रदान किया।

भगवान कृष्ण और उनके साथी सुदामा के बीच स्थायी मित्रता हमारी संस्कृति में बहुत चर्चा का विषय है। उनकी दोस्ती हमें दिखाती है कि दोस्ती जाति, स्थिति या उम्र जैसे कारकों के बजाय एक दूसरे के लिए सम्मान, प्यार और विश्वास पर आधारित होनी चाहिए।

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