Hindi, asked by rajaniseelam2006, 4 months ago

दूसरों के काम आने में ही जीवन का सच्चा सुख निहित है इस बारे में अपने विचार बताइए​

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Answered by varmajanu71722
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Answer:

मानव जीवन का उद्देश्य है कि अपने मन, वचन और काया से औरों की मदद करना। हमेशा यह देखा गया है कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है। वे अपनी आत्मा से ज़्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं, और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है। जबकि स्पर्धा से खुद को और दूसरों को तनाव रहता है।

इसके पीछे गुह्य विज्ञान यह है कि जब कोई अपना मन, वचन और काया को दूसरों की सेवा के लिए उपयोग करता है, तब उसे सबकुछ मिल जाता है। उसे सांसारिक सुख-सुविधा की कमी कभी नहीं होती। धर्म की शुरूआत ओब्लाइजिंग नेचर से होती है। जब आप दूसरों के लिए कुछ करते हैं, उसी पल खुशी की शुरुआत हो जाती हैं।

मानव जीवन का उद्देश्य जन्मों-जन्म के कर्म बंधन को तोड़ना और संपूर्ण मुक्ति को प्राप्त करना है। इसका उद्देश्य केवळज्ञान प्राप्त करने के लिए पहले आत्मज्ञान की प्राप्ति करना आवश्यक है। और यदि किसीको आत्मज्ञान प्राप्त करने का अवसर नहीं मिलता तो उसे परोपकार में जीवन व्यतीत करना चाहिए।

दादाश्री के जीवन का मुख्य हेतु यही था कि जो भी उनसे मिले उसे सुख दें। उन्होंने अपने सुख के बारे में कभी भी नहीं सोचा। वे हमेशा दूसरों के दुःख दूर करने के बारे में सोचते थे। यही कारण था कि उनके भीतर करुणा और अदभुत "अक्रम विज्ञान" प्रकट हुआ।

इस संकलन में दादाश्री ने दूसरों की सेवा और दूसरों की मदद करके अपने जीवन का लक्ष्य कैसे पूरा करें, इस बारे में व्यापक स्पष्टीकरण दिए हैं। लेकिन शाश्वत सुख तो प्रत्यक्ष ज्ञानी के पास से आत्मज्ञान प्राप्त करके ही मिलता है।

Answered by AnujaHirgude
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Answer:

haa yeah thik kehe rahe hai agar heinsaniyat rakhni hai to hame acne Karna ourr madat karni chaiye

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