दूसरों की पीड़ा समझने वाला ही सही अर्थों में सच्चा ईश्वर भक्त कहलाता है। आशय स्पष्ट कीजिये?
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I don't know hindi bro....
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इस दोहे के अनुसार एक छोटे से तिनके को भी कभी बेकार ना कहो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब होता है, क्योंकि यदि कभी वह उड़कर आँख में आ गिरे तो गहरी पीड़ा देता है। यानि कबीर ने स्पष्ट बताया है कि छोटे बड़े के फेर में ना पड़ें और सभी इंसानों को उनके जाति और कर्म से ऊपर उठ कर सम्मान की दृष्टि से देखें।
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