दूसरे कड़बक का भाव-सौन्दर्य स्पष्ट करें ।
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दूसरे कड़बक का भाव-सौन्दर्य स्पष्ट करें ।
दूसरे कड़बक का भाव सौंदर्य इस प्रकार है...
दूसरे कड़बक में कवि ने इस बात को स्पष्ट किया है कि अपनी रचना में जिन पात्रों जैसे रत्नसेन और पद्मावती नाम के जिन पात्रों का वर्णन किया था, वास्तव में उन पात्रों का कोई अस्तित्व नहीं था। उनकी किस रचना की कहानी केवल काल्पनिक तथ्यों पर थी, लेकिन जिसने भी उस कहानी को सुना, उसने प्रेम की पीड़ा को अनुभव किया। कवि ने अपनी कल्पनाशीलता से इस रचना को रक्त रूपी लेई के द्वारा और प्रीति के आंसुओं द्वारा इस तरह रचा-गढ़ा कि पढ़ने-सुनने वाला स्वयं को इसके साथ जोड़ पाया। कवि ने इस उद्देश्य से इस काव्य की रचना की कि उसके बाद उसकी निशानी के रूप में यह कहानी रह जाए और लोगों इसे पढ़कर उसे याद करें।
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