'देश की आत्मा गाँवों में
बसती है,' गांधीजी के इस
विचार से संबंधित कोई लेख
पढ़िए तथा इसपर स्वमत
प्रस्तुत कीजिए।
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आजादी के पुरोधा व पथ-प्रदर्शक, महान व्यक्तित्व के धनी, सरलता, सौजन्यता और उदारता की मूर्ति व अहिंसा के कटु पक्षधर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने की उस समय थे। भले ही 30 जनवरी, 1948 को शाम की प्रार्थना के दौरान बिरला हाऊस में 78 वर्ष की उम्र में नाथूराम गोड़से की गोली ने गांधी के शरीर की हत्या कर दी हो लेकिन उनकी अजर अमर देवतुल्य आत्मा अब भी भारत और भारतीयों को गांधी दर्शन के रूप में अपने आत्मीय अहसास का अनुभव करा रही है। गांधी के द्वारा आजादी के यज्ञ में दिये गये अपने निष्कामों की आहुति से अच्छाई और सच्चाई की ज्योति आज भी जगमगा रही है।
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सिकरारा (जौनपुर): पूर्व विधायक राजदेव ¨सह ने कहा ¨हदुस्तान की आत्मा गावों में बसती है। गावों के विकास से ही देश का विकास संभव है।
ये विचार क्षेत्र के माता प्रसाद आदर्श महाविद्यालय भभौरी में आयोजित बापू बाजार मेले के उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि श्री सिंह ने व्यक्त किए।
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