देश की एकता और अखंडता बलिदान माँगती है। कर चले हम फ़िदा कविता के
आधार पर स्पष्ट कीजिए।
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¿ देश की एकता और अखंडता बलिदान माँगती है। कर चले हम फ़िदा कविता के
आधार पर स्पष्ट कीजिए।
✎... देश की एकता और अखंडता बलिदान मांगती है, ‘कल चले हम फिदा’ कविता के आधार पर अगर कहें तो कवि ने कविता के माध्यम से स्पष्ट किया है कि जब एक सैनिक मर रहा होता है तो वह अपने सैनिकों के लिए साथियों शब्द का उपयोग करके कहता है, कि मैने अपने देश के लिये बलिदान करके अपने कर्तव्य की पूर्ति कर दी, अब ये वतन तुम्हारे हवाले है, इसकी रक्षा तुम्हे ही करनी है। बिना बलिदान के देश की रक्षा नहीं की जा सकती। देश की रक्षा के लिए हम बलिदान की राह पर बढ़ चले हैं और यह राह सूनी नहीं होनी चाहिए।
जब भी देश के मान सम्मान की रक्षा की बात आए तो हमें अपने प्राणों का बलिदान देने के लिए तत्पर रहना चाहिए, तब ही हम सही रूप में जनता से देश की रक्षा कर सकेंगे। यदि हम अपने प्राणों के मोह में डर गए तो शत्रु हम पर हावी हो जाएगा। इसलिए अपने प्राणों की परवाह ना करके ही देश की रक्षा की जा सकती है। अतः स्पष्ट है, देश की एकता और अखंडता बलिदान मांगती है।
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