Hindi, asked by yugeshwaranr3, 4 months ago

देश कीएकता और अखिं ता बकलदान र्ाँगतीहै| ‘कर चलेहर् कफ़दा’ ककवता केआधार पर स्पष्ट कीकजए|​

Answers

Answered by bhatiamona
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'अट नहीं रही है 'कविता सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ द्वारा लिखी गई है | कविता में कवि  ने वसंत ऋतु की सुंदरता का वर्णन किया है। वसंत ऋतु का आगमन फागुन महीने में होता है। ऐसे में फागुन की आभा इतनी अधिक है कि वह कहीं समा नहीं पा रही है।

‘उत्साह’ कविता में कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ में जीवन में सकारात्मक को अपनाने का संदेश दिया है।

किसी कार्य की पूर्ति के लिए शरीर में ऊर्जा के संचार हेतु उत्साह होना आवश्यक है। उत्साह कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से यही संदेश देने का प्रयत्न किया है। बादल उत्साह और ऊर्जा एवं उमंग का प्रतीक है वह घोर गर्जना करते हैं और बरसते हैं जिससे मन में उत्साह का भाव का संचार होता है।

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कविता में जल बरसाना किसका प्रतीक है |​

Answered by shailajavyas
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Answer:

                          प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की बलिदान की भावना उजागर की गयी है |  वीरता के साथ बलिदान की भावना से ओतप्रोत होकर ही दुश्मन का मुकाबला किया जा सकता हैं  | सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम खुशी - ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय के सर को झुकने नहीं देंगे अर्थात देश की एकता और अखंडता बनी रहनी चाहिए |  

                              देश की जनता सूकून से रह सके इसलिए ये रणबांकुरे  अपनी जान की बाजी भी लगा देते है, कितने ही नौजवान शहीद हो जाते है | इस एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए शत्रु सेना से दो-दो हाथ करने के लिए प्राणोत्सर्ग की तैयारी रखनी अत्यंत आवश्यक है और समय आने पर यह बलिदान अनिवार्य होता है |  

                                                 

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