देश के विभिन्न भागों में नववर्ष किस-किस रूप में मनाया जाता है?
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भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग जगह पर अलग-अलग समय में अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ नए साल का उत्सव मनाया जाता है. यहां केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि कई अलग-अलग समय पर नववर्ष का जश्न मनाया जाता है.
1 जनवरी को पूरी दुनिया में नया साल के तौर पर मनाया जाता है, जोकि ईसाई धर्म का नया साल है. 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई थी. इसकी तारीख ग्रिगोरियन कैलेंडर के अनुसार चलती है.
जहां 1 जनवरी को दुनियाभर में नया साल मनाया जाता है, वहीं भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग जगह पर अलग-अलग समय में अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ नए साल का उत्सव मनाया जाता है. चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है तो यहां हर क्षेत्र में नये साल का उत्सव कृषि आधारित होता है. तो आइए हम आपको बताते हैं भारत में कब, कहां और किस मौसम में नया साल मनाया जाता है...
नवसंवत्सर-
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को नवसंवत्सर कहते हैं. फसल पकने का प्रारंभ, किसानों की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है. भारतीय कैलेंडर की गणना, सूर्य और चंद्रमा के अनुसार होती है. माना जाता है कि विक्रमादित्य के काल में सबसे पहले भारत में कैलेंडर अथवा पंचाग का चलन शुरू हुआ. इसके अलावा 12 महीनों का एक वर्ष और सप्ताह में 7 दिनों का प्रचलन भी विक्रम संवत से ही माना जाता है.
उगाडी- तेलगू न्यू ईयर
यह नया साल कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है. तेलगू न्यू ईयर हिन्दी के चैत्र महीने और अंग्रेजी के मार्च-अप्रैल के बीच में पड़ता है.
गुड़ी पड़वा
चैत्र महीने के पहले दिन यह त्योहार मनाया जाता है. मराठी और कोंकनी लोग इसे नए साल के रूप में मनाते हैं. इस दिन गुड़ी को घरों के द्वार पर लगाया जाता है.