Hindi, asked by muskan4711, 1 month ago

देश मे बढते भ्रष्टाचार के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए अध्यापक व छात्र के मध्य संवाद।​

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Answered by sndpkr555
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Answer:

देश मे बढते भ्रष्टाचार के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए अध्यापक व छात्र के मध्य संवाद।

Explanation:

भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय संसद में इस बात पर बहस भी होती थी। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने जो भाषण दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। उस वक्त डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है।[

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