देश-प्रेम की भावना बताते हुए अपने विचार चार - पाँच वाक्यों में लिखो
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जिस देश में हम पैदा हुए हैं, जिसकी धूल में लोट-लोटकर हम बड़े हुए हैं, जिसका अन्न खाकर हम पले हैं, उसके प्रति हमारा प्रेम होना स्वाभाविक है । ”जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ।” मनुष्य ही नहीं वरन् चर-अचर, पशु-पक्षी सभी अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं । ”ऊधौ मोहि ब्रज बिसरत नाहिं ।”
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कुछ देश की भलाई के लिए अपनी रुचि बलि देने के लिए तैयार हैं। एक स्वार्थी आदमी अपने मूल देश को प्यार नहीं कर सकता। एक स्वार्थी आदमी अमीर हो सकता है; वह एक महान परिवार पैदा कर सकता है; उसके पास एक बड़ा खिताब हो सकता है, लेकिन कोई उसका सम्मान नहीं करता उसकी मृत्यु के बाद, वह सभी के द्वारा भुला दिया जाता है।
akshaydinde38:
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