देश प्रेs. पर अनुच्छेद
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Essay on Love for Country in Hindi
देश-प्रेम का अर्थ – अपने देश, अपनी जन्मभूमि से लगाव रखना देशप्रेम हैं. इन्सान जिस भूमि पर जन्म लेता है अपना पेट उसके अन्न से भरकर शारीरिक व मानसिक विकास करता हैं. उससे प्रेम करना नैसर्गिक है.
देश-प्रेम में त्याग – अपने देश से प्रेम करने वाला राष्ट्र भक्त अपना सर्वोच्च त्याग करने के लिए तैयार रहता हैं. हमें यह विचार करना चाहिए कि हमें देश ने क्या नहीं दिया, जबकि बदलें में हम उसे क्या दे पाए है हमारा योगदान भारत के लिए क्या रहा हैं, अपना पेट भरना और शाम को सोकर अगले दिन कोल्हू के बैल की भांति अपने स्वार्थों में लग जाना तो पशुत्व की निशानी हैं.
एक पवित्र भावना – प्रेम एवं भक्ति राष्ट्र पर कीजिए, आपके जाने के बाद दुनियां याद रखेगी. अपने वतन की दीवानगी क्या क्या नहीं करवाती. वतन की खातिर जेल, यातनाएं, फांसी, गोली. यह सब कुछ तो हमारा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने मगर आज भी हम उनके सम्मान एवं राष्ट्र प्रेम में सिर झुकाकर नमन करते हैं. एक व्यक्ति के लिए राष्ट्र ही उसका गौरव होता है इसलिए अपने भारतीय होने पर गर्व करिए और इसके लिए कुछ करने का जज्बा व दीवानगी को जीवित रखिये.
देश प्रेमी का जीवन– एक देश लोगों से बनता है, समाज उन्ही लोगों व परिवारों से बनता है जो राष्ट्र की नींव कहलाती हैं. अपने राष्ट्र से प्रेम करने का अर्थ यह नहीं है कि आप अपने परिवार, समाज को भूल जाए, यदि आप उन्हें लगाव रखते है उनकी तरक्की करते है तो स्वतः ही आप राष्ट्र की उन्नति में सक्रिय भागीदार हैं. मगर जब निजी हित एवं राष्ट्र हित में टकराव की स्थिति हो तो एक देशभक्त को अपने हित की बजाय देश के हित का सोचना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रहित में प्रत्येक नागरिक का हित निहित हैं.
हमारी गौरवशाली विरासत व परम्परा- भारत के हर गाँव में चले जाइए किसी न किसी वीर यौद्धा, संत महात्मा एवं महापुरुषों के पद चिह्न मिलेगे. चन्द्रगुप्त, चाणक्य, प्रताप, तिलक, आजाद, भगतसिंह नेताजी बोस जैसे व्यक्तित्व में देश प्रेम की दीवानगी एवं उनके योगदान हमारी समृद्ध विरासत हैं. आज भले ही हमारी भूमिका स्वतंत्रता सेनानी से एक नागरिक के रूप में बदल गई है मगर पावन भावना आज भी विद्यमान हैं. किसान देश का पेट भरकर, चिकित्सक रोगियों का ईलाज कर, इंजीनियर निर्माण में, वैज्ञानिक शोध द्वारा, मजदूर अपनी परिश्रम से राष्ट्र की प्रगति व गौरव को बढ़ाने के अथक प्रयास कर रहे हैं.
देश-प्रेम-सर्वोच्च भावना – एक भारतीय के लिए सर्वोच्च भाव अपनी माता के प्रति होता हैं. वह उसे धन, दौलत अन्य प्रलोभन से अधिक प्यारी होती हैं. भारत भूमि भी हमारी माँ है इसकी सुन्दरता, वैभव, गरिमा, संस्कृति को बनाएं रखना हमारा पहला दायित्व हैं.
आज देश प्रेम की आवश्यकता – जब देश में आतंकी जवानों पर हमला करते है तो इस गम में पूरा देश रो पड़ता हैं, ये ही वीर जब सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दुश्मन को खत्म कर आते है तो हर भारतीय जश्न मनाने लगता हैं. वह जैसलमेर का हो या असम का, तमिल हो या पंजाबी सभी के दिल देश प्रेम के धागे से जुड़े होते हैं. जब मलेशिया ने जम्मू कश्मीर के पाकिस्तानी प्रोपेगंडा का साथ दिया तो देश के हजारों पाम आयल व्यापारियों ने अपने स्तर पर मलेशिया से व्यापारिक सम्बन्ध तोड़ने का निर्णय कर लिया, समय समय पर इस तरह देश प्रेम की मिसाले न केवल युवाओं को प्रेरित करती हैं बल्कि देश की एकता और अखंडता को सशक्त करती हैं.