दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है-द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं।जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे - चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
adityakjha24:
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प्रश्न : द्वंद समास के 12 उदाहरण पाठ ‘क्या निराश हुआ जाए’ से ढूंढकर लिखिए।
यह प्रश्न ‘क्या निराश हुआ जाए’ पाठ से लिया गया है इसके लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी जी हैं।
उत्तर :द्वंद समास के 12 उदाहरण निम्नलिखित हैं :
१. रुपया - पैसा
२ अपना - पराया
३. हानि - लाभ
४. नर - नारी
५. मां - बाप
६. दाल - रोटी
७. घी - शक्कर
८. लोटा - डोरी
९. लव - कुश
१०. गंगा - यमुना
११. अन्न-जल
१२. सुख - दुख
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
यह प्रश्न ‘क्या निराश हुआ जाए’ पाठ से लिया गया है इसके लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी जी हैं।
उत्तर :द्वंद समास के 12 उदाहरण निम्नलिखित हैं :
१. रुपया - पैसा
२ अपना - पराया
३. हानि - लाभ
४. नर - नारी
५. मां - बाप
६. दाल - रोटी
७. घी - शक्कर
८. लोटा - डोरी
९. लव - कुश
१०. गंगा - यमुना
११. अन्न-जल
१२. सुख - दुख
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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जिस समास में दोनों पद प्रधान हों, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
इस समास के विग्रह में- और, तथा, एवं, या, अथवा इत्यादि संयोजक शब्दों का प्रयोग होता है ।
द्वंद्व समास में योजक चिन्ह (-) और 'या' का बोध होता है
जैसे-
गौरी-शंकर-गौरी और शंकर,
मार-पीट-मार या पीट,
पाप-पुण्य) - पाप और पुण्य
सीता-राम) - सीता और राम
ऊँच-नीच) - ऊँच और नीच
खरा-खोटा) - खरा या खोटा
अन्न-जल) - अन्न और जल
माता-पिता - माता और पिता
सुख-दुःख - सुख और दुख
भाई-बहन - भाई और बहन
इत्यादि ।
Hope it helps
इस समास के विग्रह में- और, तथा, एवं, या, अथवा इत्यादि संयोजक शब्दों का प्रयोग होता है ।
द्वंद्व समास में योजक चिन्ह (-) और 'या' का बोध होता है
जैसे-
गौरी-शंकर-गौरी और शंकर,
मार-पीट-मार या पीट,
पाप-पुण्य) - पाप और पुण्य
सीता-राम) - सीता और राम
ऊँच-नीच) - ऊँच और नीच
खरा-खोटा) - खरा या खोटा
अन्न-जल) - अन्न और जल
माता-पिता - माता और पिता
सुख-दुःख - सुख और दुख
भाई-बहन - भाई और बहन
इत्यादि ।
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