Hindi, asked by Anandkumar2215, 10 months ago

दुष्यंत की इस गज़ल का मिज़ाज बदलाव के पक्ष में है। इस कथन पर विचार करें।

Answers

Answered by soumyasri2499
3

Answer:

The mood of this ghazal of Dushyant is in favor of change. Consider this statement.

Explanation:

YES THE MAIN AIM OF HIS GHAZAL IS TO CHANGE THE IDEOLOGY OF THE SOCIETY

PLEASE MARK AS BRAINLIEST

Answered by Anonymous
8

दुष्यंत की यह ग़ज़ल सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन की मांग करती है। तभी कवि 'मैं बेकरार हूं आवाज में असर के लिए, यहां दरख्तों के साए में धूप लगती है' आदि बातें कहता है। वह पत्थर दिल लोगों को पिघलाने में विश्वास रखता है। वह अपनी शर्तों पर जीना चाहता है और यह तभी संभव है जब परिस्थिति में बदलाव आए।

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