दो/ तीि ददि का अिकाश प्राप्त करिे के लिए प्रधािाचायय िी को पत्र लिखिए।
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विषय : समय का सदुपयोग और परिश्रम
प्रिय भाई सुनील,
शुभाशीर्वाद!
कल माताजी का पत्र प्राप्त हुआ। यह पढ़कर दुख हुआ कि इस वर्ष की परीक्षा में तुम्हें बहुत कम अंक प्राप्त हुए हैं। मुझे यह पता चला है कि इस वर्ष तुमने परिश्रम नहीं किया। इसी का यह परिणाम हुआ है। प्रिय अनुज, जीवन में परिश्रम का बहुत महत्त्व है। परिश्रम के अभाव में कोई कार्य पूरा नहीं होता। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। भाग्य के भरोसे रहने वाले लोग बाद में पछताते हैं । परिश्रमी व्यक्ति को सदैव सुखद परिणाम मिलता है।
प्रिय भाई, समय संसार का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक है। प्रकृति के सारे क्रिया-कलाप समय के अनुसार संपन्न होते हैं। अतः समय के महत्त्व तथा मूल्य को समझो क्योंकि बीता हुआ समय पुनः वापस नहीं आता। समय के सदुपयोग में ही जीवन की सार्थकता है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम समय के महत्त्व को अवश्य समझोगे तथा परीक्षा की तैयारी में समय का सदुपयोग करके अपने जीवन को सफलता के शिखर पर ले जाओगे।
तुम्हारा अग्रज
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विषय : समय का सदुपयोग और परिश्रम
प्रिय भाई सुनील,
शुभाशीर्वाद!
कल माताजी का पत्र प्राप्त हुआ। यह पढ़कर दुख हुआ कि इस वर्ष की परीक्षा में तुम्हें बहुत कम अंक प्राप्त हुए हैं। मुझे यह पता चला है कि इस वर्ष तुमने परिश्रम नहीं किया। इसी का यह परिणाम हुआ है। प्रिय अनुज, जीवन में परिश्रम का बहुत महत्त्व है। परिश्रम के अभाव में कोई कार्य पूरा नहीं होता। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। भाग्य के भरोसे रहने वाले लोग बाद में पछताते हैं । परिश्रमी व्यक्ति को सदैव सुखद परिणाम मिलता है।
प्रिय भाई, समय संसार का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक है। प्रकृति के सारे क्रिया-कलाप समय के अनुसार संपन्न होते हैं। अतः समय के महत्त्व तथा मूल्य को समझो क्योंकि बीता हुआ समय पुनः वापस नहीं आता। समय के सदुपयोग में ही जीवन की सार्थकता है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम समय के महत्त्व को अवश्य समझोगे तथा परीक्षा की तैयारी में समय का सदुपयोग करके अपने जीवन को सफलता के शिखर पर ले जाओगे।
तुम्हारा अग्रज
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