दृतीयक समंकों को परिभाषित कीजिए और उसके संग्रहण के विभिन्न स्रोतों का उल्लेख कीजिए
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Explanation:
द्वितीयक समंक वे है जो पूर्व में किसी अन्य व्यक्ति या संस्था द्वारा संकलित किये हुये हों और जो प्रकाशित किये जा चुके हो। अनुसन्धानकर्ता केवल उनका प्रयोग करता है
Explanation:
) द्वितीयक समंक (Secondary Data in hindi)-
द्वितीयक समंक ऐसे समंकों को कहा जाता है जिन्हें पूर्व में ही किन्हीं व्यक्तियों, संस्थाओं या अनुसंधानकर्ताओं द्वारा एकत्र किया जा चुका है। लेकिन कोई नया अनुसंधानकर्ता इन्हीं आंकड़ों का इस्तेमाल अपने अनुसंधान में करता है। यानी कि उसके लिए ये समंक द्वितीयक समंक कहलाते हैं।
द्वितीयक समंक सही मायने में वो होते हैं जिन्हें पूर्व में ही किसी अन्य व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा संकलित और विश्लेषण के साथ प्रकाशित किया जा चुका हो।
अर्थात कह सकते हैं कि "जब कोई अनुसंधानकर्ता किसी अन्य अनुसंधानकर्ता द्वारा संकलित किये गए उपलब्ध समंकों को ही आधार बनाकर अपने लिए अनुसन्धान करता है तो प्रयोग में आने वाले यही प्राथमिक समंक उस नये अनुसंधानकर्ता के लिए द्वितीयक समंक कहलाते हैं।"