Hindi, asked by hackerxyz, 2 months ago

थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहराता
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।4।।​

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Answered by YojnaRajput
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Answer:रहीम जी कहते हैं जिस प्रकार आश्विन/क्वार महीने में आकाश में घने बादल दीखते हैं पर बिना बारिश किये वो बस खाली गडगडाहट की आवाज़ करते हैं उसी प्रकार जब कोई अमरी कंगाल हो जाता है तो उसके मुख से बस बड़ी-बड़ी बातें ही सुनने को मिलती हैं जिनका कोई मतलब/मूल्य नहीं होता है

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