"दादी माँ "कहानी शिवप्रसाद सिंह द्वारा लिखित है उसमें दादी माँ के बारे में काफी सारी बातें कही गई हैं आप अपनी दादी जी या नानी जी के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए ।
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दादी माँ वसंत भाग - 1 (Summary of Dadi Maa Vasant) यह कहानी शिवप्रसाद सिंह हैं जिसमें लेखक ने अपनी दादी माँ का वर्णन किया है और बड़ों के महत्व को दिखाया है। लेखक बड़े हो चुके थे| उन्होंने अब तक बहुत तरह के सुख-दुख देखे थे परंतु जरा-सी कठिनाई पड़ते ही मन अनमना हो जाता था
उस बहकर आये पानी में मोथा,साई की अधगली घांस ,घेउर और बन्प्याज की जड़ें तथा नाना प्रकार की बरसाती घासों के बीज बहकर आते थे। रास्तों में कीचड सूख जाता था ,इससे गाँव के लड़के किनारों पर झाग भरे जलाशयों में धमाके से कूदते थे। लेखक ऐसे जलाशय में दो एक दिन ही कूद सका था कि वह बीमार पड़ गया। दिनभर वह चादर लपेटे सोया था।
दादी माँ अपने घर के सदस्य से लेकर गरीबों तक की मदद करने से पीछे नहीं हटती हैं। जैसे – (i) रामी चाची के उधार न चुकाने पर भी दादी माँ उनकी बेटी की शादी में आर्थिक सहायता करती हैं। (ii) घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण दादी माँ ने दादा जी द्वारा पहनाया गया कंगन अपने बच्चों को दे दिया।
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sorry bro can't Answer pl mark as braliest