Hindi, asked by prathmeshwagh1204, 11 months ago

दादी , पोती , कस्बा , बिल्डर , अक्ल

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Answered by ibolbam
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एक वृद्धाश्रम की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. लेकिन ये कब की है, कहां की है और इसके पीछे की ...

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Answered by rahulrai81
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Explanation:

मार्केट प्लेस

दादा-दादी को अब भी नहीं हो रहा पोते की कहानी पर विश्वास

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : गौर सिटी सोसायटी दो के 11वीं एवेन्यू में हुई मां-बहन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए घर के इकलौते बेटे ने पूरी कहानी सबसे पहले अपनी बुआ को सुनाई थी। बेटे की कहानी सुनने के बाद बुआ के आंसू निकल पड़े थे। आरोपी बेटे के दादा सुरेश अग्रवाल व दादी मधुर अग्रवाल को अब भी यह विश्वास नहीं हो रहा है कि उनका पोता ऐसा कर सकता है। पोते की बताई कहानी पर दादा-दादी चाह कर भी विश्वास नहीं कर पा रहे है। पोते का 14 फरवरी को जन्मदिन होता है, वह आगामी जन्मदिन पर अपने दादा से स्टाइलिश घड़ी उपहार में लेने वाला था। दादा-दादी व घर के अन्य परिजन बेटे के दिमाग को कभी भांप ही नहीं पाए कि वह ऐसा भी कर सकता है। पत्नी-बेटी की हत्या के बाद कारोबारी पिता सुरेश अग्रवाल पर पहाड़ टूट पड़ा है। वह यह नहीं समझ पा रहे है कि वह पत्नी-बेटी की मौत की लड़ाई लड़े या फिर अपने बेटे की पैरवी करें। उनके लिए यह समय बेहद मुश्किल भरा है।

उल्लेखनीय है कि बिसरख कोतवाली क्षेत्र के गौर सिटी सोसायटी की 11वीं एवेन्यू में रहने वाली मां अंजलि व उनकी बेटी मनिकर्णिका की चार दिसंबर की रात हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद पुलिस ने आठ दिसंबर को बनारस से हत्या के आरोप में अंजलि के 16 वर्षीय बेटे को गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया था कि मां पढ़ाई का दबाव बनाती थी और बहन मनिकर्णिका को उससे ज्यादा घरवाले प्यार करते थे। इस वजह से उसने दोनों की हत्या कर दी थी। हत्या से पहले मां-बेटी व बेटा तीनों लिफ्ट से साथ में जाते हुए दिख रहे थे। उस दौरान बहन-भाई के बीच हंसी मजाक भी हो रहा था। लेकिन बेटे की दिमाग में दोनों की हत्या की योजना है यह परिवार वाले नहीं भांप सके। मां-बेटी को नहीं पता था कि चार दिसंबर की रात उनकी अंतिम रात होगी।

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