Hindi, asked by ffffccccccc, 1 year ago


दादुर टर-टर करते झिल्ली बजती झन झन,
म्यक् म्यव’ रे मोर, पीउ ‘पीज' चातक के गण।
उड़ते सोन बलाक, आर्द-सुख से कर क़दन
घुमड़-घुमड़ गिर मेघ गगन में भरते गर्जन।
ovisaling
sty
रिमझिम-रिमझिम क्या कुछ कहते बूंदों के स्वर
| रोम सिहर उठते छूते के भीतर अंतर।ns
Sear धाराओं पर धाराएँ झरती धूरती पर,
* रज के कण-कण में तृण-तृण को पुलकावलि भ॥

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Answered by akkuverma
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Answer:

kya karna hai ...............

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