दो दोस्त और भालू summary in hindi
Answers
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एक बार दो दोस्त जंगल से गुजर रहे थे। उस जंगल में जंगली जानवरों का बहुत खौफ था। दोनों ने आपस में वादा किया कि किसी तरह का खतरा आने पर एक-दूसरे का साथ देंगे। जब वे जंगल के बीचोंबीच पहुंचे तो अचानक उन्होंने देखा एक सामने से एक भालू आ रहा है।
एक दोस्त खतरा भांप कर फटाफट पास के पेड़ पर चढ़ गया, लेकिन दूसरा पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था। दोस्त ने भी मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया। तब उसने अपना दिमाग लगाया। वह चुपचाप जमीन पर लेट गया और सांस रोक ली। उसने ऐसे जताया मानों उसमें प्राण ही न हों। भालू पास आया और उसे सूंघने लगा। उसने उसके कान और मुंह के पास सूंघा और कोई हरकत न देखकर वहां से चला गया। दरअसल, भालू मरे हुए जीवों को नहीं खाते। भालू के जाने के बाद दोस्त पेड़ से उतरा और अपने दोस्त से बोला, 'भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था।'
दोस्त ने कहा, 'वह मुझसे कह रहा था कि झूठे दोस्त पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।' यह कहकर वह आगे बढ़ गया।
सबक : इस कहानी से हमें दो सबक मिलते हैं। सबसे पहले सच्चा दोस्त हर हालात में आपके साथ होता है और आपकी मदद करता है। दूसरा, अपनी मदद से बड़ी कोई मदद नहीं होती।
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आशा है कि यह आपकी मदद करेगा
Answer:
एक बार दो दोस्त जंगल से गुजर रहे थे। उस जंगल में जंगली जानवरों का बहुत खौफ था। दोनों ने आपस में वादा किया कि किसी तरह का खतरा आने पर एक-दूसरे का साथ देंगे। जब वे जंगल के बीचोंबीच पहुंचे तो अचानक उन्होंने देखा | सामने से एक भालू आ रहा है।
एक दोस्त खतरा भांप कर फटाफट पास के पेड़ पर चढ़ गया, लेकिन दूसरा पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था |
दोस्त ने भी मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया। तब उसने अपना दिमाग लगाया। वह चुपचाप जमीन पर लेट गया और सांस रोक ली। उसने ऐसे जताया मानों उसमें प्राण ही न हों। भालू पास आया और उसे सूंघने लगा। उसने उसके कान और मुंह के पास सूंघा और कोई हरकत न देखकर वहां से चला गया। दरअसल, भालू मरे हुए जीवों को नहीं खाते। भालू के जाने के बाद दोस्त पेड़ से उतरा और अपने दोस्त से बोला, 'भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था।
दोस्त ने कहा, 'वह मुझसे कह रहा था कि झूठे दोस्त पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। यह कहकर वह आगे बढ़ गया।
दोस्तों इस कहानी से हमे सबक मिलता है की सच्चा दोस्त हमेशा हर परिस्थित में आपका साथ देता है, दोस्तों हमारे आस पास भी ऐसे ही बहुत से लोग हैं, जो हमारा शुभचिंतक(सबसे प्रिय) बनने का दावा करते हैं, पर सदैव मौके की तलाश में रहते हैं की कब हम कोई गलती करें और वो हमें हंसी का पात्र बनाए| तो हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और कभी किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहिए| याद रखे अपनी मदद से बड़ी कोई और मदद नहीं होती, तो कठिन परिस्थितियों में अपने आत्मविश्वास को गिरने ना दे|
Explanation:
क्यूंकि किसी ने कहा है:
I asked God to protect me from my enemies, then I started losing friends