दादा- दादी या नाना-नानी के पास गर्मी की छुट्टियों में बिताए गए कुछ खास पल*
अनुच्छेद की शब्द संख्या- 80 से 100 शब्द
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दादा- दादी या नाना-नानी के पास गर्मी की छुट्टियों में बिताए गए कुछ खास पल*
अनुच्छेद की शब्द संख्या- 80 से 100 शब्द
Explanation:
गर्मी की छुट्टीयां छात्र के जीवन में सबसे अधिक प्रतीक्षित समय होती है। यह आराम करने और आस-पास की दुनिया की छान-बिन करने का समय होता है। इस बार मैंने अपने दादा-दादी के साथ अपनी गर्मी की छुट्टीयां बिताने का फैसला किया है। मेरी गर्मी की छुट्टीयों के दौरान मेरे दादा-दादी के घर बिताये हुए समय का संक्षिप्त विवरण यहां दिया गया है।
दादा-दादी के साथ हमारा अनुभव
मैं औऱ मेरी बहन ने इस गर्मी की छुट्टी को अपने दादा-दादी के साथ बिताने का फैसला किया है। वे गुजरात के कच्छ जिले के पास एक छोटे से गांव में रहते हैं। हम इस यात्रा के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे क्योंकि हमने पहले कभी भी किसी गांव की यात्रा नहीं किया था और ना ही हम वहां के जीवनशैली के बारे में कुछ जानते थे। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, हम वहां के जीवन शैली में समायोजित होते गए और पूरी तरह से इसका आनंद लेने लगे।
हमारा वहा ठहरना पूरी मस्ती से भरा हुआ था। हमारी दादी ने हमें हमारे पिता के कुछ नटखट, शरारती और मजेदार किस्सो के बारे में बताया। उन्होंने हमें बताया कि वे कैसे अपने स्कूल के शिक्षकों और पड़ोसियों के साथ शरारत किया करते थे। उन्होंने हमें यह भी बताया कि बचपन में, मैं और मेरी बहन अपने पिता की तरह कैसे शरारत औऱ बदमाशीया किया करते थे।
एक दिन मेरे दादाजी हमें थार रेगिस्तान में, कच्छ के लम्बे सैर के लिए ले गए, जो की दुनिया में सबसे बड़ा नमक रेगिस्तानों में से एक के लिए जाना जाता है। हमने वहां ऊंट की सवारी की और सूर्यास्त तक वहीं घुमते रहे। कुछ अच्छे समय बिताने के बाद हम वहां के मुख्य बाजार गए।
हमारी दादी ने हमें कच्छ के अद्वितीय हस्तशिल्पों के बारे में बताया और उन्होंने यह भी बताया की कैसे वहां की महिलाएं विभिन्न प्रकार के कढ़ाई वाले कपड़े बेचकर अपना जिवन यापन करती हैं। हमने पिता जी के लिए एक कढ़ाई दार कुर्ता और माँ के लिए एक साड़ी खरीदी। इसके बाद हम घर वापस चले आए और रात का खाना बनाने में हमने दादी की मदद भी की। अगले दिन हम अपने दादाजी के साथ खेत में गए और उन्होंने हमें विभिन्न कृषि तकनीकों के बारे में बताया जो की बहुत मजेदार था। हम हर दिन विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होते थे।
इस साल, मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियां अपनी दादी और दादा के साथ बिताईं।
वे नई दिल्ली में रहते हैं। हालाँकि यह बहुत गर्म था, फिर भी मैंने अपने जीवन के कुछ बेहतरीन समय का अनुभव किया।
सबसे पहले वे मुझे विश्व प्रसिद्ध कनॉट प्लेस ले गए। हमने वहां खूब खरीदारी की। उसके बाद हम थोड़े थके हुए थे, इसलिए हमने एक कैफे में लंच किया। अगले दिन हम नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट गए। यह एक खूबसूरत अनुभव था। भले ही आर्ट गैलरी, कुल मिलाकर बहुत अच्छी थी, मेरे पसंदीदा टुकड़े जयपुर हाउस में थे। हम शाम 5 बजे तक वहीं रहे। अगले हफ्ते हम दिल्ली हाट में कुछ नाश्ता करने गए। वहाँ का कुमाऊँनी व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट था। उसके बाद पिछले सप्ताह के लिए, मैंने दक्षिण दिल्ली में राष्ट्रीय महत्व के सभी स्मारकों जैसे इंडिया गेट, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आदि का दौरा किया। अपने दादा-दादी के साथ इतने दिन बिताने के बाद, मैं वापस नहीं जाना चाहता था। लेकिन मेरा स्कूल जल्द ही फिर से खुल रहा था। मैं अगले साल फिर से अपने दादा-दादी से मिलने जाना चाहूंगा।
#SPJ2