Hindi, asked by preeti1516, 1 year ago

दो दो उदाहरण लिरिवार
(क) अव्ययीभाव समास के
(8) तत्पुरुष समास के
(ग) दविगु समास के
(१) कर्मधारय समास के
(डो द्वंद्व समास के
(च) बहुव्रीहि समास के​

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Answered by Anonymous
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(1) अव्ययीभाव समास

जिस समास में पूर्वपद प्रधान हो और अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं |

जैसे → यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार

यथासंभव = जैसा संभव हो

प्रतिदिन = हर दिन / प्रत्येक दिन, दिन – दिन

प्रतिक्षण = हर क्षण

(2) तत्पुरुष समास

जिस समास में दूसरा पद प्रधान होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं |

→ तत्पुरुष समास को बनाते समय शब्दों के बीच के कारक चिन्ह हटा दिए जाते हैं |

जैसे → पूजा के लिए घर = पूजाघर

तत्पुरुष समास के भेद →

1. कर्म तत्पुरुष

2. करण तत्पुरुष

3. संप्रदान तत्पुरुष

4. अपादान तत्पुरुष

5. संबंध तत्पुरुष

6. अधिकरण तत्पुरुष

1. कर्म तत्पुरुष → “को”

जैसे–

समस्तपद विग्रह

परलोकगमन परलोक को गमन

धनप्राप्त धन को प्राप्त

स्वर्गगामी स्वर्ग को जाने वाला

2. करण तत्पुरुष→ ‘से’, ‘द्वारा’

समस्तपद विग्रह

तुलसीकृत तुलसी द्वारा कृत

मनचाहा मन से चाहा

ईश्वरदत्त ईश्वर द्वारा दिया हुआ

3. संप्रदान तत्पुरुष→ “के लिए”

समस्तपद विग्रह

परीक्षा – भवन परीक्षा के लिए भवन

डाकघर डाक के लिए घर

मालगाड़ी माल के लिए गाड़ी

4. अपादान तत्पुरुष → “से” (अलग होने का भाव)

समस्तपद विग्रह

देशनिकाला देश से निकाला

बंधनमुक्त बंधन से मुक्त

पापमुक्त पाप से मुक्त

5. संबंध तत्पुरुष → का / की / के

समस्तपद विग्रह

राजमहल राजा का महल

गंगाजल गंगा का जल

सूर्यपुत्र सूर्य का पुत्र

6. अधिकरण तत्पुरुष → “में”/”पर”

समस्तपद विग्रह

घुड़सवार घोड़े पर सवार

दहीबड़ा दही में डूबा बड़ा

पेटदर्द पेट में दर्द

(3) द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वंद्व समास कहते हैं |

→ इसके दोनों पद योजक चिन्ह द्वारा जुड़ें होते है |

→ लेकिन समास होने पर योजक चिन्ह का लोप हो जाता है |

जैसे→

विग्रह समस्तपद

माता और पिता माता पिता

यश और अपयश यश-अपयश

ठंडा या गरम ठंडा-गरम

उतार और चढ़ाव उतार – चढ़ाव

(4) कर्मधारय समास

जिस समास में एक पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य हो या एक पद उपमेय तथा दूसरा पद उपमान हो, उसे कर्मधारय समास कहते है |

जैसे → पीताम्बर = पीत है जो अम्बर

चरणकमल = कमल के सामान चरण

महात्मा = महान है जो आत्मा

नीलगगन = नीला गगन

महापुरुष = महान है जो पुरुष

चंद्रमुख = चंद्रमा जैसा मुख

(5) द्विगु समास

जिस समास का पहला पद संख्यावाचक हो तथा पूरा सामासिक पद किसी समूह का बोध कराता हो वह द्विगु समास कहलाता है |

जैसे →

समस्तपद विग्रह

नवरत्न नौ रत्नों का समूह

चौराहा चार राहों का समूह

दोपहर दो पहरों का समूह

सतसई सात सौ का समाहार

(6) बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद प्रधान होता है, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है |

जैसे →

गोपाल = गायों का पालक है जो वह है – कृष्ण

लंबोदर = लंबा है उदर जिसका – गणेश

महावीर = महान है जो वीर – हनुमान

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Answered by santoshsuman2712
10

Answer:

प्राण प्रिय में समास है...

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