दीवानों की हस्ती पाठ का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखें?
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प्रस्तुत कविता में कवि का मस्त-मौला और बेफिक्री का स्वभाव दिखाया गया है । मस्त-मौला स्वभाव का व्यक्ति जहां जाता है खुशियाँ फैलाता है। वह हर रूप में प्रसन्नता देने वाला है चाहे वह ख़ुशी हो या आँखों में आया आँसू हो। कवि ‘बहते पानी-रमते जोगी’ वाली कहावत के अनुसार एक जगह नहीं टिकते। वह कुछ यादें संसार को देकर और कुछ यादें लेकर अपने नये-नये सफर पर चलते रहते हैं।
वह सुख और दुःख को समझकर एक भाव से स्वीकार करते हैं। कवि संसारिक नहीं हैं वे दीवाने हैं। वह संसार के सभी बंधनों से मुक्त हैं। इसलिए संसार में कोई अपना कोई पराया नहीं है।जिस जीवन को उन्होने खुद चुना है उससे वे प्रसन्न हैं और सदा चलते रहना चाहते हैं।
hope it will help you.
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first you have to see the picture and understand it that what says the picture ok
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