दैव न करे, आज मैं बीमार हो जाऊँ, तो तुम्हारे हाथ-पाँव फूल जाएँगे । दादा को तार देने के सिवा तुम्हें
और कुछ न सूझेगा, लेकिन तुम्हारी जगह दादा हों, तो किसी को तार न दें, न घबराएँ न बदहवस हों।
पहले खुद मरज़ पहचान कर इलाज करेंगे, उसमें सफल न हुए तो किसी डॉक्टर को बुलाएँगे । बीमारी
तो खैर बड़ी चीज़ है । हम-तुम तो इतना भी नहीं जानते कि महीने भर का खर्च महीना भर कैसे चले।
जो कुछ दादा भेजते हैं, उसे हम बीस-बाईस तक खर्च कर डालते हैं और फिर पैसे-पैसे को
मुहताज
हो
जाते हैं । नाश्ता बंद हो जाता है, धोबी और नाई से मुँह चुराने लगते हैं, लेकिन जितना आज हम और
तुम खर्च कर रहे हैं, उसके आधे में दादा ने अपनी उम्र का बड़ा भाग इज्ज़त और नेकनामी के साथ
निभाया है और कुटुंब का पालन किया है, जिसमें सब मिलाकर नौ आदमी थे ।
प्रश्न
:)
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1हाथ-पाँव फूलना' मुहावरे का अर्थ है -
A) घबरा जाना B) डर जाना
C) भाग जाना D) कमजोरी होना
2 किसने बीमार होने की बात किससे कही ?
(
A) बड़े भाई ने छोटे भाई से
B) छोटे भाई ने बड़े भाई से
C) बड़े भाई ने दादा से
D) दादा ने लेखक से
3 लेखक के परिवार में कितने लोग थे ?
(
A) दो आदमी
B) नौ आदमी
C) तीन आदमी
D) दस आदमी
4 लेखक और उसके भाई के पैसे कितने दिनों में खत्म हो जाते हैं -
(
A) बीस से इक्कीस दिनों में
B) बीस से तेईस दिनों में
C) बीस से बाईस दिनों में
D) उन्नीस से बीस दिनों में
5 हमें जब कुछ नहीं सुझता तो किसके पास जाते हैं -
A) अपने परिवार के पास
B) अपने से बड़ों के पास
C) अनुभवी व्यक्तियों के पास
D) उपर्युक्त सभी
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1. हाथ पांव फूलना मुहावरे का अर्थ है A) घबरा जाना।
2. A) बड़े भाई ने छोटे भाई से कहा।
3. B) 9 आदमी।
4.C) बीस से बाईस दिनों में।
5. A) अपने परिवार के पास।
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kb
hjk
jk
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